
बाहुबली विनीत सिंह के घर जाकर यूपी बीजेपी के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय ने लिया जीत के लिए समर्थन, 16 को भाजपा में शामिल होंगे विनीत
वाराणसी. भ्रष्टाचार न गुंडाराज का नारा देने वाली भाजपा इस समय बाहुबलियों की चहेती बनती जा रही है। अभी कुछ दिन पहले गोरखपुर के माफिया राजन तिवारी के भाजपा में आने के बाद एक और बड़े बाहुबली ने बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन का ऐलान कर दिया। ये बात भी तय हो गई है कि ये बाहुबली और पूर्व एमएलसी 16 मई को भाजपा में शामिल हों जाएंगे इनके साथ ही अन्य कई दलों के नेता भी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
बतादें कि यूपी बीजेपी के अध्य़क्ष महेन्द्र नाथ पांडेय चंदौली लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी हैं। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस की शिवन्या कुशवाहा और सपा के संजय चौहान से है। पिछली बार के मुकाबले में पांडेय की लड़ाई काफी कठिन दिख रही थी। वहीं ब्राह्मण क्षत्रिय के बीच राजनीतिक मदभेद के कारण इस बात की चर्चा खूब होने लगी थी कि महेन्द्र पांडेय को हराने के लिए क्षत्रियों का एक बड़ा खेमा उनके खिलाफ वोट करने वाला है। ऐसे में मंगलवार को यूपी बीजेपी के अध्यक्ष महेन्द्र पांडेय भाजपा विधायक सुशील सिंह के साथ विनीत के घर पहुंच गए और विनीत ने भाजपा उम्मीदवार को समर्थन का ऐलान कर दिया। कहा जा रहा है विनीत के समर्थन में आ जाने के बाद क्षत्रियों को भाजपा मनाने में कामयाब हो सकती है।
पीएम बोलते हैं मैं सिर्फ गरीब
जी हां आजकल 'गरीब' शब्द का चलन भी बहुत तेजी से उभरा है। कारण ये है कि विपक्ष के कई नेता पीएम मोदी की जाति को लेकर सवाल उठाते हैं तो पीएम उसके जवाब में कहते हैं कि उनकी जाति सिर्फ गरीब है और उनके उत्थान के लिए ही 24 घंटे जीते हैं। लेकिन पीएम की इस बात को जनता कितना सही मानें जब पार्टी में धनबल, बाहुबल और व्यवसाय बलियों की भरमार हो। सवाल तो ये है कि क्या बिना बाहुबलियों के सहारे भाजपा जीत के मुहाने पर नहीं पहुंच पा रही है?
कौन हैं विनीत सिंह
बतादें कि विनीत सिंह 2010 में मिर्जापुर जिले से बसपा के टिकट पर एमएलसी चुने गए। इन पर कई संगीन केस दर्ज हैं कई में बरी भी हो चुके हैं । 2016 में 2011 में पत्नी को जिलापंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ाया, जिसमे वह भारी मतों से विजयी रहीं । 2016 में फिर से जिला पंचायत का चुनाव लड़ा लेकिन सपा उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा। साल 2017 में इन्होंने रांची जेल में निरुद्ध रहते हुए यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें वह 65000 वोट पाने के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी सुशील सिंह से पराजित हो गए थे।
इस बार भी खरीदा था पर्चा
विनीत सिंह का कारोबार पूरे पूर्वांचल में बड़े स्तर पर फैला है। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भी इन्होने निर्दल लड़ने के लिए पर्चा खरीद लिया था। भाजपा में जाने की योजना पर बात होने के बाद विनीत ने अपना फैसला बदला। अब बीजेपी की चादर ओढ़ने की तैयारी है।
Updated on:
14 May 2019 10:18 pm
Published on:
14 May 2019 10:13 pm
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