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वन विभाग के कार्यालय से ही चंदन पेड़ काट ले गए तस्कर

पुलिस थाने से लेकर सेन्ट्रल जेल और कई सरकारी कार्यालयों के परिसरों से वे चंदन के पेड़ काट कर ले जा चुके हैं

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Chadan tree cut off smugglers from the forest department office

वन विभाग के कार्यालय से ही चंदन पेड़ काट ले गए तस्कर

कोयम्बत्तूर. चंदन तस्करों ने फिर साबित कर दिया है कि वे सब पर भारी है। पुलिस थाने से लेकर सेन्ट्रल जेल और कई सरकारी कार्यालयों के परिसरों से वे चंदन के पेड़ काट कर ले जा चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने पेड़-पौधों, जंगल व वन्य जीवों के रखवालों को शर्मसार किया है। तस्करों ने मेट्टूपालयम में वन विभाग के कार्यालय परिसर से ही चंदन का पेड़ काट लिया और किसी को भनक तक नहीं लगी। परिसर में जब एक कर्मचारी की निगाह कटे हुए तने पर पड़ी तो वह चौंका। तत्काल उसने उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी।मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने देखा कि तस्कर करीब १० फिट ल बा चंदन का पेड़ काट ले गए।पेड़ की कीमत करीब 25 हजार रुपए से अधिक है।मामले की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करागई है। पुलिस ने चोरों की तलाश शुरु कर दी है। पुलिस ने अपने मुखबिरों को सक्रिय कर दिया है।

चोरों ने पूरे विकसित पेड़ को काटा पर किसी ने आहट तक नहीं सुनी। 10फीट लं बे पेड़ को काट कर ले जाने के लिए उन्होंने पॉवर आरी का उपयोग किया होगा

साथ ही इलाके में पहले चंदन तस्करी में लिप्त रहे आरोपियों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। इन सब से पूछताछ की जाएगी। इधर चोरी की वारदात की जानकारी लोगों को मिली तो उन्होंने आश्चर्य जताया। माना जा रहा है कि यह वारदात एकाएक नहीं हुई होगी।पहले काफी दिनों तक तस्करों ने रैकी की होगी। इस वारदात से यह बात भी साफ हो गई कि यहां चौकीदारी की व्यवस्था नहीं है। चोरों ने पूरे विकसित पेड़ को काटा पर किसी ने आहट तक नहीं सुनी। 10फीट लं बे पेड़ को काट कर ले जाने के लिए उन्होंने पॉवर आरी का उपयोग किया होगा। कोई वाहन भी साथ लाए होंगे। सूत्रों का कहना है कि कोयम्बत्तूर में केरल का गिरोह सक्रिय हो सकता है। ये लोग आसानी से वारदात के बाद 20 किमी दूर केरल की सीमा में सुरक्षित चले जाते हैं। हालांकि उनके गुर्गे कोयम्बत्तूर में भी हैं। सरगना केरल में बैठ कर ही पूरे ऑपरेशन को अंजाम देता है। केरल के तस्कर वहां के अनपढ़ आदिवासियों को भाड़े पर लाते हैं। इन्हें ऐन वक्त तक पता नहीं होता कि पेड़ कहां से काटने हैं। तस्कर उन्हें शराब पिला कर वारदात स्थल पर लाकर छोड़ देते हैं। वे फटाफट अपना काम निपटा कर चलते बनते हैं। उन्हें यह तक पता नहीं होता कि उन्होंने वन विभाग के कार्यालय या फिर पुलिस थाने में चोरी की है ।उल्लेखनीय है कि कोय बत्तूर के रेस कोर्स इलाके में ही चंदन के चार सौ पेड़ हैं। यहां साल में औसतन तीन-चार चंदन पेड़ों की चोरी की वारदातें होती हैं।रेस कोर्स में जिला कलक्टर, पुलिस महानिरीक्षक , जिला वन अधिकारी सहित आला अधिकारियों के आवास हैं। इन सभी के बंगलों पर पुलिस और सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इसके बाद भी चंदन तस्कर अति सुरक्षित इलाके में अपना कामं कर जाते हैं।