
अनुशासन का दूसरा नाम तेरापंथ धर्मसंघ - मुनि ज्ञानेंद्र
कोयम्बत्तूर. तेरापंथ भवन में 259 वां तेरापंथ स्थापना दिवस मुनि ज्ञानेंद्र कुमार के सान्निध्य में मनाया गया । धर्म सभा में मुनि ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि 259 वर्ष पूर्व तेरापंथ धर्मसंघ की स्थापना आचार्य भिक्षु ने की । उन्होंने इसकी नींव में मर्यादा ओर अनुशासन की मजबूत सीमेंट ओर ईंटे रखीं जिसकी बदौलत यह आज भी - मजबूती के साथ खड़ा है और समय के साथ साथ कदम मिलाकर चल रहा है । वर्तमान में 11 वें आचार्य महाश्रमण के शासन में यह धर्मसंघ चहुमुंखी विकास कर रहा है ।उन्होंने कहा कि अनुशासन ही इस धर्मसंघ की पहचान है तेरापंथ यानि अनुशासन। गुरु पूर्णिमा पर मुनि ने गुरु महिमा का बखान करते हुए कहा कि - इस धरती पर हम भगवान को नहीं देख सकते लेकिन गुरु के रूप में हमे भगवान मिले है, उनकी सेवा करके उन्हें प्रसन्न रखें । उनको हमेशा मन मंदिर में बिठाकर उनका चरणों का धयान करें ।
सभा अध्यक्ष निर्मल रांका , मोहन लाल बुच्चा ,उपासिका ललिता बरलोटा ने विचार व्यक्त किए
आपका जीवन पवित्र और मन शांत हो जाएगा । इस अवसर पर सभी को स यकत्व दीक्षा प्रदान करते हुए संकल्प करवाएं । सभा अध्यक्ष निर्मल रांका , मोहन लाल बुच्चा ,उपासिका ललिता बरलोटा ने विचार व्यक्त किए। संचालन मुनि विमलेश कुमार ने किया। इस मौके पर मुनि ने सबको गुरुचरणों का ध्यान करवाया। समण संस्कृति संकाय एवं युवक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में जैन विद्या सप्ताह का भी शुभारंभ हुआ जिसमें जैन विद्या परीक्षा के फार्म भरवाए जाएंगे।तेरापंथ भवन में फरवरी 2019 में आयोजित आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव की आवास बुकिंग की विविधत शुरुआत 10 बजकर 11 मिनट पर मुनि ज्ञानेंद्र कुमार के मंगल पाठ से हुई। साथ ही आवास बुकिंग का पहला फॉर्म कोयम्बत्तूर के उपासक शांतिलाल बोहरा ने भरकर आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों को दिया। इस अवसर पर व्यवस्था समिति के अध्यक्ष विनोद लूणिया ,व्यवस्था समिति के महामंत्री राजकरण गिडिय़ा ने विचार व्यक्त किए।
Published on:
28 Jul 2018 02:23 pm
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