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चेन्नई की कोर्ट ने महासचिव बनने के अधिकार वाली शशिकला की याचिका खारिज की

अदालत ने अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक के पलनीस्वामी की ओर से दायर एक आवेदन-पत्र के बाद शशिकला (Sasikala) की याचिका खारिज कर दी।

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Court dismisses Sasi's plea challenging her expulsion by AIADMK

Court dismisses Sasi's plea challenging her expulsion by AIADMK

चेन्नई.

चेन्नई की एक अदालत (Court) ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके-AIADMK) के महासचिव बनने के अधिकार की मांग वाली वीके शशिकला (VK Sasikala) की याचिका को खारिज कर दिया है। अन्नाद्रमुक की कानूनी शाखा के संयुक्त सचिव ए एम बाबू मुरुगवेल के मुताबिक, अदालत ने अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम (O Pannerselvam) और संयुक्त समन्वयक के पलनीस्वामी (E. palaniswami) की ओर से दायर एक आवेदन-पत्र के बाद शशिकला (Sasikala) की याचिका खारिज कर दी।

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अन्नाद्रमुक की निष्कासित नेता वीके शशिकला ने 2017 में पार्टी की आम परिषद की बैठक में किए गए, खुद को हटाने संबंधी फैसले को चुनौती दी थी। शशिकला ने इस मामले में पहले चेन्नई की दीवानी अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2017 में आयोजित अन्नाद्रमुक की आम परिषद की बैठक वैध नहीं थी। इसी बैठक में शशिकला को अन्नाद्रमुक की महासचिव के पद से निष्कासित कर दिया था।

शशिकला ने 2017 में बेंगलुरू जेल में आय से अधिक संपत्ति मामले में आत्मसमर्पण करने से पहले पलनीस्वामी को मुख्यमंत्री के रूप में चुना। लेकिन पन्नीरसेल्वम और पलनीस्वामी ने अपने गुटों का विलय कर दिया और शशिकला को निष्कासित कर दिया। जिसके बाद पार्टी ने जयललिता ( former Chief Minister J Jayalalithaa) को स्थायी महासचिव बना दिया। पन्नीरसेल्वम और पलनीस्वामी पार्टी के समन्वयक और सह-समन्वयक के रूप में काम करते हैं।

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