
करुणानिधि का 'साया', षणमुगनाथन नहीं रहे
चेन्नई.
पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के साये की तरह रहे उनके निजी सहायक षणमुगनाथन का मंगलवार को निधन हो गया। ेवे 80 साल के थे। डीएमके नेताओं सहित अन्य राजनेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भी शोक जताया है।
षणमुगनाथन फरवरी 1969 में करुणानिधि के सहायक बने थे और करीब पचास सालों तक हर जगह उनके साये की तरह चले। लम्बी बीमारी के बाद उन्होंने चेन्नई के कावेरी अस्पताल में मंगलवार शाम दम तोड़ दिया। वे करुणानिधि के मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता होने के वक्त भी हमेशा साथ रहे। उनको पूर्व मुख्यमंत्री की छाया माना जाता था। करुणानिधि की पुस्तक 'नेंजिक्कू नीदि’ में उनकी भूमिका बताई जाती है।
तमिलनाडु पुलिस के आशुलिपिक
षणमुगनाथन के कॅरियर की शुरुआत तमिलनाडु पुलिस के आशुलिपिक के रूप में हुई। वे इंटेलिजेंस विभाग की ओर से बड़े राजनेताओं की आम सभाएं कवर करते थे। वहां उनकी आशुलिपि की योग्यता से करुणानिधि खासे प्रभावित हुए और उनको अपना सचिव बनने का न्यौता दिया। उसके बाद से करुणानिधि और षणमुगनाथन हमेशा के लिए साथ हो गए। षणमुगनाथन तब से 48 साल से अधिक समय तक करुणानिधि के सहयोगी रहे। करुणानिधि के परिवार और उनके करीबी लोग कुट्टी को बीए के नाम से जानते हैं।
2008 में हुए थे अलग
करुणानिधि की छाया के रूप में प्रतिष्ठित हो जाने के बाद दिसम्बर 2008 में एक ऐसा मौका आया था जब वे करुणानिधि से अलग हो गए थे। बताया जाता है कि मतभेद की वजह से उन्होंने सचिव पद से त्यागपत्र दे दिया था। हालांकि यह अलगाव ज्यादा समय तक नहीं रहा।
श्रद्धांजलि
डीएमके संसदीय दल के नेता टीआर बालू और राज्यसभा सांसद तिरुचि एन. शिवा ने उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। कोयंबत्तूरर में मौजूद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
Published on:
21 Dec 2021 06:38 pm
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