
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में नए मॉडल बनाने की जरूरत : राज्यपाल
चेन्नई. राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने इंडियन सोसायटी ऑफ पेरीफेरल नर्व सर्जरी के आठवें वार्षिक सम्मेलन का शनिवार को उद्घाटन किया। सम्मेलन का आयोजन सिम्स की ओर से किया गया था। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि तंत्रिका टच, पेन, विशेष संवेदना जैसे स्वाद, दृष्टि सुनने एवं सूंघने के लिए उत्तरदायी होता है। यह संदेश भी देता है। नव्र्स दुर्घटना एवं सर्जरी से प्रभावित होती हैं। डिलीवरी के दौरान अत्यधिक खिंचाव के कारण बच्चे इससे प्रभावित होते हैं। इनकी छह महीने के भीतर सर्जरी हो जानी चाहिए। 50 प्रतिशत मधुमेह रोगी पेरीफेरल न्यूरोपैथी की चपेट में आते हैं। इस स्थिति में बढ़े हुए ब्लड शुगर के कारण नव्र्स क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसको रोकने के लिए समय पर सर्जरी होनी चाहिए। विलंब होने पर रोगी को डिस्एबिलिटी हो सकती है। ऐसे रोगियों को समाज से मदद की जरूरत होती है। उनके इलाज में वर्षों व महीनों लगते हैं। वे समाज पर निर्भर हो जाते हैं। आम आदमी को इस जटिल समस्या के इलाज व सेवाओं के बारे में बताया जाना चाहिए जो हमारे देश में मौजूद है।
राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान का समुद्र असीमित है। इससे लिए अलग-अलग चिकित्सा परंपराओं के बीच लगातार इन्टर एक्शन महत्वपूर्ण है। उनके बीच सामंजस्य होना चाहिए। ऐसे में रोगी को इलाज के केंद्र में रखकर हेल्थ के एक नए मॉडल को बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु मेडिकल टूरिज्म का मेन हब है। राज्य में देश के 10 प्रतिशत से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने चिकित्सा को सस्ता बनाए जाने के लिए भी काम किया जाना चाहिए। इस अवसर पर सोसायटी के अध्यक्ष डा.के. श्रीधर, सचिव प्रो.सुमित सिन्हा, इलेक्ट प्रेसिडेंट डा.केतन देसाई, एसआरएम समूह के चेयरमैन रवि पचमुतु तथा ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन प्रो.आर. कृष्णमूर्ति तथा को-चेयरमैन डा.के.आर. सुरेश बापू उपस्थित थे। यह सोसायटी डिजीज्ड चोटिल नव्र्स के लिए काम करती है।
Published on:
10 Feb 2019 05:48 pm
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