
Sri Ram katha in chennai
चेन्नई.
कथावाचक संत मुरलीधर ने कहा कि यौवन ही भगवान के भजन का सर्वश्रेष्ठ समय है। चेन्नई के पेरम्बूर स्थित बिन्नी मिल में आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के दूसरे दिन रविवार को व्यासपीठ से मानस वक्ता संत मुरलीधर ने कहा कि युवा अवस्था में ही भगवान का भजन कर लेना चाहिए क्योंकि बुढ़ापा किसने देखा है। बुढ़ापे में भजन होता भी नहीं है इसलिए समय रहते भगवान के भजन में लग जाना चाहिए।
इस बात को मानस के प्रसंग से जोड़ते हुए कथावाचक ने कहा कि जब सती ने शरीर त्यागने के बाद हिमाचल के वहां पार्वती के रूप में जन्म लिया तो उन्होंने युवा अवस्था में भगवान का भजन कर भगवान शिव को प्राप्त किया।
कथा प्रसंग के दौरान उन्होंने सती के द्वारा भगवान का अपमान, भगवान शिव द्वारा उनके त्याग, पिता दक्ष के वहां यज्ञ में भगवान शिव को नहीं बुलाने और यज्ञ में उनका स्थान नहीं रखने पर माता सती का अग्नि में प्रवेश कर देह त्याग देने के बारे में बताया।
इस प्रश्न को उन्होंने विस्तृत रूप में विवेचित किया और कहा कि मानस का प्रसंग हमारे जीवन से जुड़ा है। पौराणिक समय में मनुष्य का जीवन मानस के अनुसार ही चलता था लेकिन समय की विसंगति के कारण हमने मानस को भुला दिया और आज हमारे जीवन में विसंगति आ गई।
कथा के दौरान बीच-बीच में सप्रसंग भजनों के माध्यम से कथावाचक ने भक्तों को नाचने पर मजबूर कर दिया। कथा के आरंभ में आयोजकों ने मानस पूजन किया। कथा श्रवण के लिए जीएसटी कमिश्नर भरत असारसा सहित अनेक श्रोता उपस्थित थे।
सोमवार की कथा में भगवान शिव और पार्वती के विवाह की कथा सप्रसंग व्यासपीठ के माध्यम से रखी जाएगी। मंच का संचालन जोधपुर से आए मंच संचालक चंदन सिंह राजपुरोहित धांगड़
युवावस्था में ही भगवान का भजन कर लें
नौ दिवसीय रामकथा के दूसरे दिन
Published on:
18 Mar 2018 09:45 pm
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