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महिला ने किया कलक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह का प्रयास

संदिग्ध परिस्थितियों में मृत बेटी के लिए न्याय की मांग करते हुए एक महिला ने सोमवार को तिरुनेलवेली कलक्ट्रेट में आत्मदाह करने का प्रयास किया।

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तिरुनेलवेली. संदिग्ध परिस्थितियों में मृत अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग करते हुए एक 48 वर्षीय महिला ने सोमवार को तिरुनेलवेली कलक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह करने का प्रयास किया। खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर स्वयं को मारने का प्रयास करने वाली इस महिला की पहचान मावडिक्कल निवासी पी. महेश्वरी के तौर पर हुई है। गौरतलब है कि जनवरी 2016 में संदिग्ध परिस्थितियों में इसकी मौत हो गई थी। हालांकि उसे अपने आप को आग के हवाले करने से पहले ही वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने उसे ऐसा करने से पहले ही रोक दिया और उसके ऊपर पानी डालकर उसे जिला कलक्टर संदीप नंदुरी के पास ले गए। कलक्टर ने उसकी शिकायत सुनी। कलक्टर के समक्ष महेश्वरी ने बताया कि जब उसकी बेटी देवी गंगा मरी थी तब वह मात्र 19 साल की थी।
दहेज उत्पीडऩ के कारण हुई थी मौत
उसने आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी बेटी की मृत्यु दहेज उत्पीडऩ की वजह से हुई थी। उसने बताया वर्तमान में वडाकरै पंचायत में कार्यरत बालासुब्रमणि से उसकी बेटी को उस समय प्रेम हो गया था जब वह कडयानल्लूर के एक कॉलेज से बीए कर रही थी। इसकी बाद 2014 में दोनों की शादी हो गई। उसने बताया कि उसकी बेटी धमकी देती थी कि अगर उसकी शादी बालासुब्रमणि से नहीं होगी तो वह आत्महत्या कर लेगी। महेश्वरी ने बताया कि दहेज एवं शादी के खर्च के लिए उसे अपना घर तक गिरवी रख दिया था। शादी के बाद जब उसकी बेटी गर्भवती थी तब उसका दमाद दुबारा दहेज की मांग करने लगा। उसने अपनी विवशता प्रकट करते हुए कहा कि वह उसकी मांग को पूरा नहीं कर सकी क्योंकि उस समय वह अपने गिरवी पड़े घर की कर्ज चुका रही थी। उसने बताया कि 6 जनवरी 2016 को उसके दामाद बालसुब्रमणि ने दोपहर 2 बजे के लगभग फोन करके उसे देवी के मरने की सूचना दी। उसने कहा कि लेकिन जिस निजी अस्पताल में देवी का इलाज चल रहा था उन्होंने उसे बताया कि जब बालसुब्रमणि के परिजनों ने देवी को अस्पताल से डिस्चार्ज कराया था तब वह जीवित थी।
पुलिस अधीक्षक के पास लगाई 11 बार याचिका
महेश्वरी ने कहा कि लगभग दो साल बीत जाने के बावजूद उसे अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उसकी बेटी कैसे और कहां मरी तथा उसकी मृत्यु हुई थी या उसकी हत्या की गई थी। उसने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक के पास 11 बार तथा जिला कलक्टर के समक्ष 3 बार याचिका लगाई है लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। यहां तक कि तेनकाशी न्यायालय के निर्देश के बावजूद मामला तक दर्ज नहीं किया गया है। उसने कहा कि उसकी बेटी को न्याय नहीं मिला लेकिन बालसुब्रमणि ने रविवार को दूसरी शादी कर ली। अगर मेरी बेटी को न्याय नहीं मिल सकता तो मेरे जीवित रहने की कोई जरूरत नहीं है। उसके लिए न्याय की मांग करते-करते मैं थक चुकी हूं इसीलिए मैंने मौत को गले लगाने का निर्णय लिया। उसकी शिकायत सुनने के बाद कलक्टर ने पुलिस से इस मामले में तुरंत केस दर्ज करते हुए उसकी बेटी की मौत के संबंध में जांच करके दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए कहा । महेश्वरी ने कहा कि जब तक उसका दामाद गिरफ्तार नहीं होगा तब तक वह परिसर नहीं छोड़ेगी।