
छतरपुर के 10 गांव जाएंगे डूब क्षेत्र में
छतरपुर। केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए मध्यप्रदेश शासन ने भू अर्जन की कवायद शुरु कर दी है। ढोढऩ में बनने वाले मुख्य बांध के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व के 21 गांव प्रभावित होंगे। जिसमें छतरपुर के 14 और पन्ना जिले के 7 गांव प्रभावित होंगे। 10 गांव बांध के डूब क्षेत्र में प्रभावित हो रहे हैं, जबकि वन भूमि की क्षतिपूर्ति में पन्ना जिले के 7 और छतरपुर जिले के 6 गांव मिलकार 13 गांव प्रभावित होंगे। ऐसे में कुल प्रभावित गांव की संख्या 23 है, लेकिन डूब व वन भूमि क्षति पूर्ति में दो गांव की जमीन कॉमन होने से कुल प्रभावित गांव की संख्या 21 हो रही है। इन गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए आज शुक्रवार को अधिसूचना जारी हो सकती है.
छतरपुर के 10 गांव जाएंगे डूब क्षेत्र में
छतरपुर जल संसाधन विभाग के ईई एमके रुसिया ने बताया कि बांध के डूब क्षेत्र में छतरपुर जिले के ढोढऩ, पलकौहां, खरियानी, भोरखुआं, सुकवाहा, मैनारी, कुपी, शाहपुरा, पाठापुर, नैगुवां गांव डूब क्षेत्र में आएंगे। इन गांवों की भूमि को सरकार द्वारा अधिग्रहीत किया जाएगा। परियोजना का मुख्य काम राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण को करना है। जिसका कार्यालय छतरपुर में खुलने के बाद निर्माण कार्य शुरु किए जाएंगे।
बफर जोन के 13 गांव की जमीन पर कोर एरिया का होगा विस्तार
ढोढऩ बांध में पन्ना टाइगर रिजर्व की 6017 हेक्टेयर वन भूमि डूब रही है, जिसमें कोर एरिया की 4141 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसकी भरपाई के लिए प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान के तहत पन्ना और छतरपुर जिले के गांव कटहरी-बिल्हारा, कोनी, मझौली, गहदरा, मरहा, खमरी, कूडन, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी, बसुधा की 4396 हेक्टेयर भूमि चिंहित की गई है। ये गांव पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित है, जिसे अब कोर एरिया में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा 1621 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में 3242 हेक्टेयर राजस्व जमीन छतरपुर जिले में चिंहित की गई है। इस भूमि पर वनीकरण किया जाएगा। जिसके लिए पन्ना टाइगर रिजर्व को बजट भी दिया जाएगा
इधर, अपने भविष्य को लेकर चिंतित है डूब क्षेत्र के ग्रामीण
बांध के लिए प्रस्तावित जमीन पर बसे कुपी, शाहपुरा, ढोडऩ, पल्कोहा ,खरयानी गांव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। परियोजना प्रभावित गांव ढोढऩ के 73 वर्षीय भूरा आदिवासी, 39 वर्षीय गौरीशंकर यादव, सुकवाहा के श्री सेन, पलकोहां के पूर्व जनपद सदस्य मुन्नीलाल खैरवार, खरयानी के चरन सौंर आदि का कहना है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना का उद्घाटन होने वाला है। इस परियोजना में हमारा गांव, घर और जीवन भर की कमाई डूबने वाली है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास, पुनस्र्थापना की बात तो दूर अभी लोगों को यह तक पता नहीं है कि उनका गांव डूबने वाला है और उन्हें गांव डूबने की स्थिति में कहां बसाया जा रहा है या उन्हें मिलने वाला मुआवजा कितना है। समाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर का कहना है कि 10 गांवों के कुल 1913 परिवारों के 8339 लोगों को विस्थापित किया जाने की बात कही गई है। जो कि सरासर गलत है और 10 साल पुरानी 2011 की जनगणना पर आधारित है, तब से लेकर अब तक परिवारों एवं लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हो चुकी है।
एक नजर में
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Published on:
11 Feb 2022 06:00 am
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