
एक साथ चार कारें भारत के लिए निकली
नेपाल में जारी हिंसा के बीच फंसे छतरपुर जिले के चार परिवार अब अपने निजी वाहनों से भारत लौट रहे हैं। काठमांडू में कई दिनों तक तनाव और भय के माहौल में रहने के बाद इन परिवारों ने गुरुवार सुबह खुद ही वापसी का फैसला किया। व्यापारी निर्देश अग्रवाल ने एक वीडियो जारी कर बताया कि जब सरकार से किसी तरह की मदद नहीं मिली, तो उन्होंने नेपाल स्थित भारतीय दूतावास (एंबेसी) को सूचना दी और फिर भारत के रजिस्ट्रेशन वाली चार गाड़ियों के साथ काठमांडू छोड़ दिया। अग्रवाल ने बताया कि वे रक्सौल बॉर्डर से लगभग 80 किलोमीटर पहले पहुंच चुके हैं और उम्मीद है कि जल्द ही भारत की सीमा में प्रवेश कर सकेंगे। फिर शाम 4 बजे एक और वीडियो जारी कर भारत की सीमा में प्रवेश होने की जानकारी दी।
नेपाल हिंसा में छतरपुर के चार परिवारों के फंसने की जानकारी सामने आने पर स्थानीय विधायक ललिता यादव ने उनसे सीधे बात की थी और हर संभव मदद का भरोसा दिया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की जा चुकी है और केंद्र सरकार को भी स्थिति की जानकारी दी गई है। मुख्यमंत्री ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर परिवारों की मदद का आश्वासन दिया था। लेकिन गुरुवार को जारी वीडियो में निर्देश अग्रवाल ने कहा कि जमीनी स्तर पर कोई मदद नहीं मिल रही थी, इसलिए उन्होंने खुद ही एंबेसी को सूचना देकर सुरक्षित वापसी की शुरुआत की।
छतरपुर के व्यापारी पप्पू मातेले, ट्रांसपोर्ट कारोबारी निर्देश अग्रवाल, गुड्डू अग्रवाल और एक कुशवाहा परिवार नेपाल घूमने गए थे। लेकिन अचानक भड़की हिंसा और आगजनी के बीच वे काठमांडू के एक होटल में फंस गए। होटल से ही निर्देश अग्रवाल ने वीडियो बनाकर छतरपुर और प्रदेश सरकार को भेजा था। उन वीडियोज़ में सड़क पर हिंसा, आगजनी और उपद्रव की तस्वीरें साफ दिखाई दे रही थीं। परिवार के सदस्यों ने लगातार मदद की गुहार लगाई, क्योंकि छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ रहना बेहद खतरनाक हो गया था।
छतरपुर विधायक ललिता यादव ने फंसे हुए परिवारों से वीडियो कॉल पर बात की और आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जैसे पहले भी विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया गया है, वैसे ही नेपाल में फंसे परिवार भी सकुशल लौटेंगे। उन्होंने सभी को धैर्य रखने और भरोसा बनाए रखने की अपील की। लेकिन गुरुवार के वीडियो के मुताबिक छतरपुर के इन परिवारों को मदद नहीं मिल पाई है।
Published on:
12 Sept 2025 10:23 am
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