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छतरपुर में पैर पसार रहा एड्स संक्रमण, एक साल में बढ़े 80 मरीज, महिला मरीजों में पांच प्रतिशत की वृद्धि

सरकार, प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं के जागरूक करने के बाद भी जिला एचआईवी/एड्स संक्रमण के मामले में रफ्तार पकड़े हुए है। इस वर्ष के जो आंकड़े आए हैं वह चौकाने वाले हैं। इस वर्ष संक्रमण के 80 नए मरीज दर्ज किए गए हैं।

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जागरुकता कैंप

सरकार, प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं के जागरूक करने के बाद भी जिला एचआईवी/एड्स संक्रमण के मामले में रफ्तार पकड़े हुए है। इस वर्ष के जो आंकड़े आए हैं वह चौकाने वाले हैं। इस वर्ष संक्रमण के 80 नए मरीज दर्ज किए गए हैं। वहीं पिछले वर्ष की तुलना में महिलाओं में एचआईवी/एड्स संक्रमण के मामलों में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल जिले में 358 संक्रमित मरीज थे, जहां अब उनकी संख्या 438 पहुंच गई है। वहीं 45 प्रतिशत महिलाएं संक्रमण की चपेट में आईं हैं। जबकि इसके मरीजों में 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिलाएं थीं। आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक महीने का विशेष जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है।

पलायन और यौन गतिविधियां बड़ी वजह

सुमित्रा समाजिक संस्थान के योगेश साहू ने बताया कि उनका एनजीओ एचआईवी संक्रमण को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वे कई इलाकों में कैंप लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे। संक्रमण फैलने की बात पर उनका कहना है कि यौन गतिविधियां इस बीमारी की मुख्य वजह है। राज्य से पलायन कर चुके मजदूर शहरों में नशे की हालत में अनैतिक कार्य करते हैं जिससे संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है।

देह व्यापार से चपेट में महिलाएं

जिले में 45 प्रतिशत महिलाएं एचआईवी की चपेट में हैं। वर्ष 2024-25 में संक्रमित महिलाओं में पांच प्रतिशत का इजाफा हुआ है। महिलाओं में देह व्यापार इस बीमारी की मुख्य वजह मानी जा रही है। इस दौरान असुरक्षित यौन संबंध इस रोग को फैलाने का कारण है। वहीं संक्रमित सुई भी एड्स का कारण हैं, लेकिन सरकार की तत्परता और जागरूकता के कारण संक्रमित सुई से वायरस फैलने के केस बहुत कम हैं। छतरपुर जिले में कुछ गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई गईं, लेकिन सकारात्मक पहलू यह है कि समय पर इलाज से उनके नवजात बच्चे संक्रमण से सुरक्षित रहे।

चला रहे जागरूकता अभियान

जिला स्वास्थ्य विभाग ने जून से जुलाई तक चलने वाले एक महीने के जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इसमें शहर के एनजीओ के साथ मिलकर कैंप लगाकर लोगों को एड्स से बचाव के प्रति जागरूक कर रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक, पोस्टर, बैनर और शिविर लगाकर जानकारी दी जा रही है। साथ ही आगामी दिनों में प्रशासन संक्रमण के प्रति जागरूक करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इनका कहना है

प्रशासन ने संक्रमण की रोकथाम के लिए जागरूता अभियान चलाया है। इसमें एनजीओ की मदद से स्कूल, कॉलेज, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर पोस्टर, कैंप के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही संक्रमण के बचाव को लेकर विशेष बैठक हुई, जिसमें चर्चा कर आगामी सप्ताह की रणनीति तैयार की गई है।

डॉ रविंद्र पटेल, नोडल अधिकारी