
asia largest shield sn banerjee football tournament resume (Patrika.com)
SN Banerjee Football Tournament:छतरपुर शहर की पहचान बन चुका 78 साल पुराना एसएन बनर्जी अखिल भारतीय फुटबॉल टूर्नामेंट, जो कोरोना महामारी में बंद हो गया था, अब दोबारा शुरु होने की तैयारी में है। लंबे अंतराल के बाद इस ऐतिहासिक आयोजन को पुनर्जीवित करने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर पहल शुरू की जा रही है। (MP News)
कोरोना के बाद से यह प्रतिष्ठित आयोजन रुका रहा, पहले महामारी के कारण और बाद में बाबूराम चतुर्वेदी स्टेडियम (Baburam Chaturvedi Stadium) में निर्माण कार्य की वजह से। लेकिन अब स्टेडियम में बाधाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं और विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने टूर्नामेंट को फिर से आयोजित करने की मंजूरी दे दी है। पत्रिका शहर की इस विरासत को सहेजने को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित करता रहा है। परिणाम स्वरुप विश्वविद्यालय ने टूर्नामेंट दोबारा शुरु कराने का निर्णय लिया है।
महाराजा महाविद्यालय के शिक्षक सुरेंद्रनाथ बनर्जी की स्मृति में यह आयोजन वर्ष 1956 में शुरु हुआ था। शुरुआती दौर में इसे मेला जलविहार फुटबॉल टूर्नामेंट कहा जाता था, और छतरपुर महाराज भवानी सिंह देव आर्थिक सहयोग प्रदान करते थे। 1955-56 में डॉ. नारायणी प्रसाद, जंगबहादुर सिंह, कृष्णा प्रताप सिंह और पीसी माथुर की सलाह पर प्राचार्य हरिराम मिश्र ने पहली बार इसका आयोजन कराया। बाद में यह हमेशा के लिए एसएन बनर्जी फुटबॉल टूर्नामेंट के नाम से प्रसिद्ध हो गया। अब तक 57 संस्करण आयोजित हो चुके हैं।
देश की फुटबॉल रैंकिंग में 7वां स्थान रखने वाले इस टूर्नामेंट की पहचान इसकी विशाल विजेता शील्ड है, जिसे एशिया की सबसे बड़ी शील्ड (Asia Largest Shield) माना जाता है। यह शील्ड छतरपुर के तत्कालीन महाराज द्वारा विशेष आदेश से बनवाई गई थी। नियम के अनुसार यह शील्ड स्थायी रूप से उस टीम को मिलती है, जो लगातार तीन बार खिताब जीते। अब तक महाराष्ट्र की टीम ने सबसे अधिक 6 बार जीत हासिल की है।
यह देश का पहला ऐसा अखिल भारतीय फुटबॉल टूर्नामेंट है जो किसी शिक्षक की स्मृति में स्थापित हुआ। छतरपुर की तीन पीढियां खिलाड़ी, दर्शक, उद्घोषक और खेल प्रेमी इस आयोजन से गहराई से जुड़ी रही हैं। बनर्जी टूर्नामेंट ने छतरपुर को कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और उद्घोषक दिए, जिनकी आवाज़ और खेल कौशल ने शहर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। (MP News)
महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने संस्था के ऐतिहासिक टूर्नामेंट को पुन: शुरु करने का निर्णय लिया है। संचालक, शारीरिक शिक्षा विभाग इस पूरे इवेंट को सपन्न करवाएंगे। खेल भावना को प्रोत्साहन मिलेगा। विश्वविद्यालय व शहर की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।- प्रो. शुभा तिवारी, कुलगुरू, महाराजा छत्रसाल विवि
Updated on:
21 Nov 2025 11:22 am
Published on:
21 Nov 2025 11:13 am
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