
तहसील छतरपुर
शहर की सीमा से लगे पठापुर क्षेत्र में आधा दर्जन अवैध कॉलोनियों की जमीन के क्रय-विक्रय पर प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। एसडीएम ने इन अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों द्वारा 15 एकड़ में की जा रही भूमि खरीद-फरोख्त पर रोक लगाते हुए रजिस्ट्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसके परिणामस्वरूप अवैध कॉलोनाइजर अब अपनी अविकसित भूमि को बेचने और खरीदने के लिए वैध तरीके से रजिस्ट्री नहीं कर पाएंगे। इस आदेश के बाद अब अवैध कॉलोनाइजरों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और उनका कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा।
एसडीएम के आदेश के बाद तहसीलदार संदीप तिवारी ने पठापुर क्षेत्र के विभिन्न खसरे नंबरों पर आदेश की टीप दर्ज कर दी है, जिससे इन भूमि के विक्रय पर प्रभावी रूप से रोक लग गई है। इन क्षेत्रों में स्थित अवैध कॉलोनियों के क्रय-विक्रय पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। एसडीएम के आदेश के अनुसार, अब इन खसरों के भूमि स्वामियों और कॉलोनाइजरों द्वारा कोई भी भूमि का लेन-देन नहीं किया जा सकेगा।
कई महीनों से अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की जा रही थी। प्रशासन ने अब इस पर कड़ी नजर रखते हुए अवैध कॉलोनियों को विकास कार्य से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। शहरी सीमा के बाहर अवैध कॉलोनाइजरों ने बिना नगर निगम (नपा) और रेरा (राज्य रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) की अनुमति के भूमि काट कर अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया था। यह कॉलोनियां न केवल पर्यावरणीय रूप से खतरे में थीं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी समस्याओं का कारण बन रही थीं।
अवैध कॉलोनियों का निर्माण नपा (नगर पालिका) और टीएनसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) की अनुमति के बिना किया गया था, जिसके कारण इन कॉलोनियों की वैधता पर सवाल उठाए गए थे। प्रशासन ने इन कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और पीओ डूडा (प्रोफेशनल ऑफिसर डूडा) के माध्यम से एसडीएम कोर्ट में प्रस्ताव भेजा। कोर्ट ने इन कॉलोनियों के भूमि क्रय-विक्रय पर रोक लगाने का आदेश दिया, और तहसीलदार द्वारा खसरे पर टीप दर्ज कराई गई, जिससे यह आदेश प्रभावी हो गया है।
अब अवैध कॉलोनाइजरों के पास जमीन की रजिस्ट्री या विक्रय करने का कोई विकल्प नहीं है। हम सुनिश्चित करेंगे कि इस आदेश का पूरी तरह से पालन किया जाए।
अखिल राठौर, एसडीएम
यह प्रशासनिक कदम उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अवैध कॉलोनियों का निर्माण करते हैं और भूमि के अवैध रूप से क्रय-विक्रय में संलिप्त रहते हैं। यह एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल भू-माफिया के खिलाफ है, बल्कि क्षेत्रीय विकास और पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में शहर की भूमि का सही और वैध उपयोग सुनिश्चित होगा।
Published on:
28 Feb 2025 10:37 am
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