
वन क्षतिपूर्ति के साथ कोर एरिया का होगा विस्तार
छतरपुर। केन-बेतवा लिंक परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना, राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त करने की कवायद के साथ ही विस्थापन के लिए अब छतरपुर प्रशासन को 1114 करोड़ रुपए मिले हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना अथॉरिटी (केबीएलपीए) ने परियोजना के लिए 4400 करोड़ रुपए मध्यप्रदेश को दिए हैं। इस राशि में से 1114 करोड़ रुपए खर्च कर परियोजना के मुख्य बांध ढोढऩ में प्रभावितों के विस्थापन का काम किया जाएगा। इसके साथ ही 3286 करोड़ रुपए खर्च कर बांध में पन्ना टाइगर रिजर्व के वन को हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाएगी।
वन क्षतिपूर्ति के साथ कोर एरिया का होगा विस्तार
ढोढऩ बांध में पन्ना टाइगर रिजर्व की 6017 हेक्टेयर वन भूमि डूब रही है, जिसमें कोर एरिया की 4141 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसकी भरपाई के लिए प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान के तहत पन्ना और छतरपुर जिले के गांव कटहरी-बिल्हारा, कोनी, मझौली, गहदरा, मरहा, खमरी, कूडन, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी, बसुधा की 4396 हेक्टेयर भूमि चिंहित की गई है। ये गांव पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित है, जिसे अब कोर एरिया में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा 1621 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में 3242 हेक्टेयर राजस्व जमीन छतरपुर जिले में चिंहित की गई है। इस भूमि पर वनीकरण किया जाएगा। जिसके लिए 3286 करोड़ रुपए का बजट राज्य शासन को दिया गया है।
पन्ना टाइगर रिजर्व से जुड़े 21 गांव हो रहे प्रभावित
केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा 31 जनवरी को जारी हुई भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना के मुताबिक ढोढऩ में बनने वाले मुख्य बांध के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व के 21 गांव प्रभावित होंगे। जिसमें छतरपुर के 14 और पन्ना जिले के 7 गांव प्रभावित होंगे। 10 गांव बांध के डूब क्षेत्र में प्रभावित हो रहे हैं, जबकि वन भूमि की क्षतिपूर्ति में पन्ना जिले के 7 और छतरपुर जिले के 6 गांव मिलकार 13 गांव प्रभावित होंगे। डूब व वन भूमि क्षति पूर्ति में दो गांव की जमीन कॉमन होने से कुल प्रभावित गांव की संख्या 21 हो रही है।
छतरपुर के 10 गांव जाएंगे डूब क्षेत्र में
छतरपुर जल संसाधन विभाग के ईई एमके रुसिया ने बताया कि बांध के डूब क्षेत्र में छतरपुर जिले के ढोढऩ, पलकौहां, खरियानी, भोरखुआं, सुकवाहा, मैनारी, कुपी, शाहपुरा, पाठापुर, नैगुवां गांव डूब क्षेत्र में आएंगे। इन गांवों की भूमि को सरकार द्वारा अधिग्रहीत किया जाएगा। परियोजना का मुख्य काम राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण को करना है।
बिजावर अनुविभाग में राजस्व रिकॉर्ड किया जा रहा दुरस्त
छतरपुर जिले के बिजावर अनुविभाग के विस्थापित होने वाले गांवों का राजस्व रिकॉर्ड को दुरुस्त करने की कवायद शुरु हो गई है। एसडीएम बिजावर राहुल सिलाडिय़ा ने बताया कि राजस्व विभाग की टीम गांव में जाकर लोगों से राजस्व रिकॉर्ड अपडेशन के लिए आवेदन ले रही है। इन आवेदनों का निराकरण प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। राजस्व रिकॉर्ड अपडेट होने से प्रभावित ग्रामीणों को मिलने वाले मुआवजा को लेकर विसंगति सामने नहीं आएगी। न ही प्रभावित लोगों को अपने नाम सुधार, नामांतरण आदि के लिए तहसील तक जाने और वकील का खर्च उठाने की जरुरत पड़ेगी।
Published on:
10 Apr 2022 06:00 am
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