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खजुराहो से पन्ना रेल लाइन का डीपीआर फायनल, 2100 करोड़ रुपए आएगी लागत

1 फरवरी को बजट में मिलने वाली राशि से तय होगी काम की रफ्तारपन्ना-खजुराहो रेल लाइन के लिए जल्द मिल सकती है 315 हेक्टेयर वन भूमि

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72 km railway line will be laid

72 km railway line will be laid

छतरपुर। खजुराहो से पन्ना रेल लाइन के लिए हरी झंड़ी मिलने के बाद रेल खंड का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बन गया है। वर्ष 2017 में मिली स्वीकृति के अनुसार इस रेल खंड में 2100 करोड़ रुपए खर्च करके रेलवे लाइन, स्टेशन और ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। खुजराहो से पन्ना तक 72 किलोमीटर रेल लाइन डाली जाएगी। हालांकि अब रिवाइज्ड रेट के अनुसार 3000 करोड़ रुपए लागत आने की संभावना है। इस रेल खंड में सबसे बड़ा पुल केन नदी पर बनहरी के पास बनाया जाना है। वहीं, बरखेड़ा, सूरजपुरा, सबदुआ, बालूपुर, अजयगढ़ और सिंहपुर में रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। 1 फरवरी को आम बजट के साथ आ रहे रेल बजट में ललितपुर-सिंगरौली रेलमार्ग के लिए मिलने वाले बजट से खजुराहो-पन्ना रेलखंड के निर्माण की रफ्तार तय होगी। पिछले बजट में मिली राशि से पन्ना से सतना के बीच काम कराया जा रहा है। नए बजट में खजुराहो से पन्ना के बीच रेल लाइन के लिए राशि मिलने से इस खंड का भी काम कराया जाएगा।
3 पार्ट में होगा खजुराहो से पन्ना रेल लाइन का काम
खजुराहो से पन्ना रेल लाइन का काम तीन पार्ट में किया जाएगा। पहले पार्ट में 23 किलोमीटर खजुराहो से सबदुआ के बीच रेल लाइन डाली डाएगी। इसके लिए वर्ष 2021-22 का टारगेट रखा गया है। वहीं दूसरे पार्ट में सबदुआ से अजयगढ़ तक 17 किलोमीटर रेल लाइन डाली जाएगी। जिसके लिए वर्ष 2022-23 का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद तीसरे पार्ट में अजयगढ़ से पन्ना 31 किलोमीटर रेल लाइन का काम किया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2023-24 का लक्ष्य रखा गया है। 72 किलोमीटर की रेल लाइन में सबसे महत्वपूर्ण पुल केन नदी पर बनाया जाना है। एक किलोमीटर लंबे पुल में 30 मीटर के 32 स्पान बनाए जाएंगे। इस पुल की लागत करीब 80 करोड़ रुपए आएगी। वहीं, खजुराहो से पन्ना के बीच 48 छोटे पुल और 32 बड़े पुल बनाए जाएंगे।
पन्ना-खजुराहो रेलखंड के लिए वन विभाग ने आगे बढ़ाई फाइल
पन्ना-खजुराहो रेलखंड के लिए 315 हेक्टेयर वन भूमि की जरूरत है। जिसमें से 307 हेक्टयेर जमीन पन्ना जिले की और 8 हेक्टेयर जमीन छतरपुर जिले की अधिग्रहित होना है। इसके लिए वन विभाग ने स्वीकृति देने के साथ फाइल रेल मंत्रालय को भेज दी है। रेल अधिकारियों को उम्मीद है कि शीघ्र ही 315 हेक्टेयर वन भूमि भी रेलवे को मिल जाएगी। जमीन मिलने पर पेड़ काटने और जमीन को समतल करने का काम किया जाएगा।
बजट में राशि मिलने की उम्मीद
केंद्र सरकार का आम बजट आगामी 1 फरवरी को लोकसभा में पेश हो सकता है। इसको लेकर जहां एकओर देशभर के लोगों को इंतजार है वहीं इससे मिलने वाली राशि से ही निर्माणाधीन पन्ना-खजुराहो और पन्ना-सतना रेल लाइन के काम की रफ्तार भी तय होगी। परियोजना के लिए पूर्व में जारी बजट करीब-करीब समाप्त हो चुका है। इससे अब काम को रफ्तार देने के लिए रेलवे को आम बजट में परियोजना के लिए निर्धारित होने वाली राशि का इंतजार है। बजट से ही तय होगा कि पूरे साल ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना के इन दोनों रेल खंडों में काम की रफ्तार क्या होगी? साल के अंतिम महीनों में सांसद द्वारा काम की कछुआ चाल के मामले को संसद में उठाए जाने के बाद जरूर काम में कुछ तेजी आई थी, लेकिन अब बजट खत्म हो चुका है। इसलिए काम की रफ्तार नए बजट पर निर्भर है।
अभी पन्ना से सतना के बीच चल रहा काम
ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के तहत रेलवे की प्राथमिकता सतना-रेलवे जंक्शन को पर्यटन नगरी पन्ना से जोडऩे की है। इसके तहत सकरिया से पन्ना तक का करीब 100 हेक्टेयर वन भूमि रेलवे को बीते साल ही मिल गई थी। इसके अलावा रेल खंड में सतना जिले में आने वाले 43 किलोमीटर के क्षेत्र में रेलवे का काम चल रहा है। सतना जिले में 6-7 छोटे पुलों और 30 छोटी पुलियों में भी काम चल रहा है।
बजट से साफ होगी तस्वीर
आगामी बजट में परियोजना के लिए आवंटित होने वाली राशि से ही रेल खंड के काम की रफ्तार तय होगी। बजट में मांग के अनुसार परियोजना के लिए राशि मिलने की उम्मीद है।
एसके रिछारिया, ईई, पश्चिम मध्य रेलवे