23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एक कलेक्ट्रेट, 11 साल, 20 आवेदन, फिर भी नहीं हुई सुनवाई, नतीजा पीड़ित ने जहर खाया

-20 बार आवेदन देने के बाद भी नहीं हुई सुनवाई-बुजुर्ग किसान ने कलेक्टर ऑफिस में खाया जहर-अपने वाहन से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे एडीएम-भूमिसुधार के आवदेन को लेकर बुजुर्ग कई सालों से है परेशान

2 min read
Google source verification
News

एक कलेक्ट्रेट, 11 साल, 20 आवेदन, फिर भी नहीं हुई सुनवाई, नतीजा पीड़ित ने जहर खाया

छतरपुर. मध्य प्रदेश के सरकारी दफ्तरों के हाल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, यहां जिले का एक कलेक्टर कार्यालय, जिसमें एक बुजुर्ग किसान बीते 11 वर्षों से अपनी समस्या को लेकर दफ्तर के चक्कर काटते हुए अपनी चप्पलें घिसता रहा। इस दौरान उससे 20 बार आवेदन भी लिए गए, इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो सका। नतीजा ये हुआ कि, आज उसी पीड़ित बुजुर्ग ने कलेक्टर कार्यलय में ही जहर खा लिया।

मध्य प्रदेश के छतरपुर कलेक्ट्रेट से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक बुजुर्ग किसान ने कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर ही जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया है। घटना के बाद कलेक्टर कार्यालय में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कलेक्ट्रेट परिसर में उपस्थित अपर कलेक्टर प्रताप सिंह चौहान बुजुर्ग किसान को अपने वाहन में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां आईसीयू में बुजुर्ग को भर्ती कराया गया है। फिलहाल, बुजुर्ग की हालत खतरे से बाहर है। चिकित्सक उनके इलाज में जुटे हैं।

जानकारी के अनुसार, छतरपुर जिले के हरपालपुर थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले बूंदी गांव के निवासी उमाकांत तिवारी सोमवार को छतरपुर कलेक्ट्रेट में छतरपुर कलेक्टर संदीप जे आर से अपनी समस्या को लेकर 20वीं बार आवेदन लेकर आए थे। लेकिन, कई वर्षों से परेशान हो रहे बुजुर्ग किसान की मुलाकात आज भी कलेक्टर से नहीं हो सकी। उमाकांत तिवारी ने बताया कि नए बंदोबस्त में खसरा नंबर 477 की भूमि शासन और खसरा नंबर 481 में किसान का नाम दर्ज हो गया। किसान ने शासकीय भूमि से अपना नाम निजी और निजी से शासन का नाम सुधारने का आवेदन लगाया।

11 साल पहले अपर कलेक्टर ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार के आदेश दिए, लेकिन उसका पालन आज तक नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि वे लगातार अफसरों व राजस्व न्यायालयों के चक्कर लगा रहे हैं। अपर कलेक्टर न्यायालय से लेकर तहसील और एसडीएम न्यायालय तक उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इससे परेशान होकर बुजुर्ग उमाकांत ने दोपहर 2 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में ही जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास कर लिया। बुजुर्ग की हालत बिगड़ते देख कार्यालय में मौजूद अधिकारी आनन फानन में उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।

यह भी पढ़ें- शराब दुकानें बंद : तो इस वजह से 2 दिन बंद रहेंगी शराब दुकानें, आदेश जारी

भूमिसुधार के लिए कई वर्षों से परेशान हो रहा बुजुर्ग किसान

बुजुर्ग उमाकांत तिवारी द्वारा दिए जा रहे आवेदन के अनुसार, वो पिछले कई वर्षों से अपनी जमीन के लिए भूमि सुधार का आवेदन देने आ रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से उनके आवेदन पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में बुजुर्ग का कहना है कि, वो अपने इस काम को कराने के लिए लगभग रोजाना सुबह से ही कलेक्ट्रेट पहुंच जाते हैं। कभी कलेक्टर के इंतजार में तो कभी संबंधित अदिकारी के इंतजार में वो लगभग हर बार ही कलेक्ट्रेट बंद होते समय ही अपने घर लौटते हैं। लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी उनका अटका हुआ भूमि सुधार कार्य पर कोई कारर्वाई नहीं की गई है।


कलेक्टर को नहीं है जानकारी

इधर, मीडिया ने जब कलेक्टर संदीप जीआर से संपर्क किया तो पता चला कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी ही नहीं है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर से मिलने उसके कार्यालय में यह शख्स वर्षों से चक्कर काट रहा था, लेकिन कलेक्टर यह भी जानकारी नहीं मिली कि किसी व्यक्ति ने उनके कार्यालय में जहर खाकर जान देने की कोशिश की है।