छतरपुर. वर्ष 2020 तक की अवैध कॉलोनियों को वैध करने के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शहर की अवैध कॉलोनियों को फिर से चिंहित किया जाएगा। पूर्व में 78 और फिर 88 कॉलोनियां चिंहित हुई थी। अब एक बार फिर से सर्वे कर अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। इस तरह से शहर में 162 से अधिक कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। कॉलोनी वैध होने से रहवासियों को नगरपालिका क्षेत्र की सारी सुविधाएं मिलेंगी।
विकास शुल्क नहीं लगेगा
इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों से विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। शहर में 88 कॉलोनियां अभी भी अवैध हैं, जबकि इनमें बसाहट हो चुकी है। इन कॉलोनियों के मकान नगर पालिका के रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं और डायवर्सन भी है। रेरा में भी पंजीकृत हैं, लेकिन नगर पालिका ने अभी तक वैध नहीं किया है। बताया जाता है कि नगर पालिका ने रेरा पंजीयन के पहले इन कॉलोनियों के दावे-आपत्ति प्रकाशित करा दिए थे। इन्हें वैध करने की प्रक्रिया चल ही रही थी कि हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ऐसी कॉलोनियों पर रोक लगा दी।
84 के लिए जारी हुई थी हाल में अधिसूचना
पूरे शहर में दो बार में चिंहित हुई अवैध कॉलोनियों की संख्या 162 है, जिसमें से नई चिंहित कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही शुरु की गई है, जबकि पूर्व से चिंहित 78 कॉलोनियों को नियमति नहीं किया जा रहा है। कलक्टर ने शहर में बसाई गई अवैधानिक 84 कॉलोनियों को बसाने वालों के नाम व रकवा सहित सार्वजनिक सूचना जारी कर दी है। हालांकि पुरानी कॉलोनियों को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई। लेकिन अब नए सिरे से कवायद होगी।
पूर्व एसडीएम ने लगाई आपत्ति
छतरपुर के पूर्व एसडीएम बीएल मिश्रा ने सूचना प्रकाशित होने के बाद आपत्ति लगाई है। मिश्रा ने आपत्ति में बताया कि विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1195 दिनांक 16 जुलाई 2015 व अतारांकित प्रश्न क्रमांक 894 और तारांकित प्रश्न क्रमांक 1270 में शहर में वर्ष 2016 के पहले की 78 कॉलोनियों के अवैध होने के जवाब विधानसभा में प्रस्तुत किए गए हैं। मिश्रा ने पूर्व में चिंहित 78 अवैध कॉलोनाइजरों की सूची समेत आपत्ति दर्ज कराते हुए जमीन को शासकीय घोषित करते हुए नामांतरण पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने नगरपालिका एक्ट का हवाला देकर अवैध कॉलोनाइजर पर एफआइआर, विकास शुल्क वसूले जाने की मांग भी की है।
कॉलोनी वैध होने से होम लोन में होगी आसानी
अवैध कॉलोनियां होने से रहवासियों को जहां बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी वहीं बैंकों से लोन भी आसानी से मिल सकेगा। कॉलोनाइजरों ने खेत खरीदकर कॉलोनियां बसा दी हैं, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम, सड़क और बिजली, पानी का भी ध्यान नहीं रखा। शहर में अवैध कॉलोनियां बसाने का गोरखधंधा लंबे समय से चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने साफ निर्देश दिए हैं कि अब अगर अवैध कॉलोनी कटी तो विभागीय अफसर जिम्मेदार होंगे। पहले दिसंबर 2016 निर्मित कॉलोनियों को वैध करने का
निर्णय हुआ था, जिसे संशोधित कर वर्ष 2022 कर दिया जाएगा।
इनका कहना है
कॉलोनियों की जानकारी वास्तविक जानकारी एकत्र की जा रही है। इसके बाद अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। दिसंबर 2022 तक की सभी कॉलोनियां वैध हो जाएंगी।
ओमपाल सिंह भदौरिया, सीएमओ, नया, छत्तरपुर