छतरपुर। जिले की भदर्रा सहकारी समिति में जय किसान ऋण माफी योजना में बिना कर्ज लिए किसानों को भी कर्जदार बनाया गया है। किसानों को दो-दो बार कर्जमाफी का प्रमाण पत्र भी दिया गया। लेकिन सहकारी समति के रिकॉर्ड में किसानों पर अब भी कर्ज दर्ज है। कर्जदार बनाए गए किसान डेढ साल से अधिकारियों को अपने साथ हुए छलावे की शिकायत कर रहे हैं। जिसकी जांच तो शुरु कर दी गई है। लेकिन जांच के नाम पर किसानों से कोरे कागजों पर अंगूठा लगाने को कहा जा रहा है। जिससे कर्जमाफी के नाम पर हुए घोटाले के दोषियों को बचाने के आरोप लग रहे हैं।
बैंक की ब्रांच में बुलाकर कोरे कागज में अंगूठा लगाने को कहा
पीडि़त किसानों की शिकायत पर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह द्वारा नौगांव सहकारी बैंक प्रबंधक कैलाश बाबू ताम्रकार को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। जांच के नाम पर प्रबंधक ने पीडि़त किसान शिवराम के बयान लेने का हवाला देकर उन्हें 6 सिंतबर को नौगांव में बैंक की शाखा में बुलाया गया। जांच अधिकारी एवं भदर्रा सहकारी समिति के निलंबित समिति प्रभारी द्वारा कोरे कागज पर अनूठा लगा कर बयान दर्ज करने की बात कही गई। किसान ने जब इस कोरे कागज पर अंगूठा लगाने से मना किया तो किसान को ये कहा गया कि आप से कोई कर्जा वसूलने नहीं आएगा, इसलिए अंगूठा लगवा रहे हैं। अनपढ़ पीडि़त किसान इस सूचना शाखा से बाहर निकला और गांव के सरपंच प्रतिनिधी को फोन पर इसकी जानकारी दी। कोरे कागज पर अंगूठा लगाने से मना करने पर किसान के बयान दर्ज नहीं हुए।
इन किसानों को बिना कर्ज लिए बनाया ऋणी
भदर्रा सहकारी समिति के अंर्तगत आने वाले गांव इमलिया निवासी शिवराम राय 4 बीघा ज़मीन के किसान है। किसान द्वारा छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को 18 अगस्त को शिकायती पत्र दिया गया, जिसमें किसान ने बताया कि उसने सहकारी समिति से कोई ऋण नहीं लिया, उसके बाद भी जय किसान कर्ज माफी योजना में उसके नाम एक लाख 18 हजार कर्जा दर्ज कर दिया गया। कर्ज माफी का प्रमाण पत्र भी दिया गया, लेकिन डेढ़ साल बाद भी उसका कर्ज माफ नहीं हुआ हैं। वहीं किसान की पत्नी रामकुमारी के नाम डेढ़ बीघा खेती की जमीन दर्ज है, उसने भी सहकारी समिति से कोई लेन-देन नहीं किया, लेकिन उसके नाम पर भी एक लाख 10 हज़ार का ऋण सहकारी समिति के रिकॉर्ड में दर्ज है। वहीं बुजुर्ग महिला भागवती पति दशरथ कुशवाहा ग्राम इमलिया के पास 3 बीघा जमीन है। भागवती के नाम पर 1 लाख 90 हजार का कर्ज सोसायटी में चढ़ा दिया गया है। बिना कर्ज लिए कर्जदार बनाए गए ये किसान अब अपने नाम पर चढ़े कर्ज की माफी के लिए डेढ साल से परेशान हैं।
जांच के नाम पर दोषियों को बचाने की हो रही कवायद
इमलिया सरपंच प्रतिनिधि राजेश मिश्रा ने आरोप लगाया कि इमलिया के किसानों के नाम फर्जी ऋण सूची में दर्ज कर किसानों के नाम पर रुपया आहरित किया गया। किसान को दो-दो प्रमाण पत्र मिलने के डेढ साल बाद भी किसान का ऋण आज भी सहकारी समिति में बकाया हैं। जिससे परेशान होकर वह सहकारी समिति और सहकारी बैंक के चक्कर लगा रहा है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए तो किसानों से कोरे कागज पर अंगूठा लगाने को कहा जा रहा है। जांच के नाम पर दोषियों को बचाने की कवायद की जा रही है।
अभी चल रही जांच
जांच की कार्यवाही चल रही हैं, किसानों के बयान लेना रह गया है। जांच में जो भी सामने आएगा, उसकी रिपोर्ट कलेक्टर को दी जाएगी।
कैलाश बाबू ताम्रकार, जांच अधिकारी व प्रबंधक सहकारी बैंक नौगांव