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जमीन के लालच में तीन भतीजों ने अपने ही सगे चाचा को सरकारी रिकॉर्ड में मार डाला, ऐसे खुली पोल

- मौत से पहले ही जिंदा होने का सबूत लेकर घूम रहा वृद्ध परमलाल- कोर्ट में पहुंचने के बाद हुआ खुलासा, अब जमीन बेचने की फिराक में है आरोपी

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Chhatarpur

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छतरपुर। शहर से सटे ग्राम सौरा रोड की एक जमीन पर कब्जा करने और उसे बेचने के लिए तीन लोगों ने मिलकर अपने ही सगे चाचा को सरकारी रेकॉर्ड में मृत घोषित करा दिया। इतना ही नहीं उनके नाम की जमीन भी राजस्व रेकॉर्ड में अपने नाम कराकर उसका नामांतरण भी करा लिया। लेकिन जब इस मामले की शिकायत हुई और जांच कराई गई तो पता चला कि जमीन का वास्तविक मालिक जीवित है। किसान परमलाल लोधी ने सिविल न्यायालय में प्रकरण दायर कर दिया। जब परमलाल कोर्ट ने अपने आधार कार्ड के साथ प्रस्तुत हुआ तो जज भी हैरान रह गए। इसके बाद परमलाल के भतीजे बार-बार कोर्ट के सम्मन के बाद भी प्रस्तुत नहीं हुए। अब वे जमीन बेचने के लिए प्रयासरत हो गए। इस पर परमलाल ने उपपंजीयक कार्यालय में पहुंचकर आवेदन दिया है।
ग्राम सौरा निवासी परमलाल पिता बल्देव लोधी की पैतृक कृषि भूमि कुल रकवा १.४३० हेक्टेयर है। उसके ही नाम से यह जमीन राजस्व रेकॉर्ड भू-अभिलेख में दर्ज रही है। परमलाल की कोई संतान नहीं है। वह वृद्ध हो चला तो उसके भतीजों गनेश लोधी, सुम्मेर लोधी, गोकुल लोधी पिता काशीप्रसाद लोधी ने तीन साल पहले उसे राजस्व रेकॉर्ड में मृत बताकर बिना मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए ही तहसील में खुद को बारिश बताकर जमीन अपने नाम दर्ज करवा ली। तत्कालीन तहसीलदार से मिलकर नामांतरण कराने के बाद तीनों भतीजे जमीन बेचने की कोशिश करने लगे। इस बारे में जब परमलाल को पता चला तो वह तहसील से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक भटका, जब उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसने सिविल न्यायालय वर्ग 2 में केस दायर कर दिया। इस पर कोर्ट में तबल किए जाने पर जब परमलाल अपना आधार कार्ड लेकर पहुंचा तो जज भी हैरान रह गए। दरअसल परमलाल के पास जो आधार कार्ड था वह उसे मृत बताए जाने के बाद बना था। मृत व्यक्ति का आधार कार्ड बनने की कोई भी गुंजाइश नहीं होती, लिहाजा कोर्ट ने १४ अगस्त १९ को गनेश, सुम्मेर और गोकुल लोधी को तलब किया तो यह तीनों पेश नहीं हुए। इस बीच परमलाल ने तहसीलदार द्वारा किए गए नामांतरण के आदेश के विरुद्ध कमिश्नर सागर के यहां केस दायर किया। कमिश्नर कोर्ट से जमीन के विक्रय पर स्थगन आदेश भी जारी कर दिया गया है। परमलाल ने बताया कि वह अपनी जमीन किसी सार्वजनिक हित के लिए देना चाहता था, लेकिन उसके भतीजों ने जालसाजी करके उसे ही मृत बता दिया। अब वे उसकी जमीन बेचने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए उसने उपपंजीयक कार्यालय में जाकर आवेदन देकर किसी भी तरह की रजिस्ट्री पर रोक की मांग की है। परमलाल ने कहा कि उसकी जान को भी खतरा है। जमीन की लालच में उसके भतीजे उसकी हत्या भी करा सकते हैं।


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