कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक पर्यटन पर गहरा असर पड़ा था। भारत और विशेषकर मध्यप्रदेश में भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आमद लगभग थम सी गई थी। लेकिन वर्ष 2024 मध्यप्रदेश के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक पुनरुत्थान की तरह रहा। राज्य सरकार की पर्यटन नीतियों, बुनियादी सुविधाओं में सुधार और प्रचार अभियानों के चलते प्रदेश में देशी ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटकों की भी उल्लेखनीय वापसी हुई है। एमपी टूरिज्म बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में मध्यप्रदेश में कुल 13.41 करोड़ पर्यटकों ने भ्रमण किया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। इनमें से 1.67 लाख विदेशी सैलानी थे, जिनकी उपस्थिति पर्यटन क्षेत्र के लिए एक उत्साहवर्धक संकेत है।
बुंदेलखंड क्षेत्र स्थित विश्व धरोहर स्थल खजुराहो एक बार फिर विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। वर्ष 2024 में यहां 33131 विदेशी पर्यटक पहुंचे, जो कि राज्य के किसी भी अन्य पर्यटन स्थल में सबसे अधिक है। खजुराहो के अलावा ओरछा में 13960 और ग्वालियर में 10823 विदेशी पर्यटक पहुंचे। यह संख्या भले ही पूर्व-कोविड स्तर (सालाना औसतन एक लाख विदेशी सैलानी खजुराहो) से कम है, लेकिन यह पर्यटन क्षेत्र के पुनरुद्धार की एक सकारात्मक दिशा को दर्शाती है।
मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व भी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहे। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29192, कान्हा में 19148, पन्न में 12762, पेंच में 11272 विदेशी पर्यटक पहुंचे। यह साफ दिखाता है कि विदेशी सैलानियों में मध्यप्रदेश के वन्यजीव पर्यटन को लेकर भी उत्सुकता बढ़ रही है।
विदेशी सैलानियों के साथ-साथ देशी पर्यटकों की खजुराहो में भारी मौजूदगी रही। वर्ष 2024 में 4.89 लाख भारतीय पर्यटक खजुराहो पहुंचे। वहीं, धार्मिक पर्यटन स्थलों में सबसे ज्यादा भीड़ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में देखी गई, जहां 7.32 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। इसके अलावा भोजपुर में 35.91 लाख, महेश्वर में 13.53 लाख और ग्वालियर में 9 लाख पर्यटक पहुंचे। धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ-साथ राज्य की समृद्ध विरासत भी लोगों को आकर्षित कर रही है। वर्ष 2024 में प्रदेश की ऐतिहासिक विरासतों ने 80 लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया।
मध्यप्रदेश की पहचान यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के कारण भी वैश्विक मानचित्र पर बनी हुई है। वर्तमान में राज्य में तीन स्थाई (संपूर्ण) और 15 टेंटेटिव धरोहरें हैं। स्थाई सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। जबकि टेंटेटिव सूची में ओरछा का ऐतिहासिक समूह प्रमुख है। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश भारत का एक सांस्कृतिक, प्राकृतिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध राज्य है। सरकार द्वारा पर्यटक-अनुकूल नीतियों और प्रचार अभियानों के चलते 2024 पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक वर्ष रहा।
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के पर्यटन स्थलों को स्मार्ट सुविधाओं से जोडऩे, बुनियादी ढांचे में निवेश और अंतरराष्ट्रीय प्रचार जैसे अनेक प्रयास किए हैं। इसके अलावा ई-गाइड, हेरिटेज वॉक, एडवेंचर टूरिज्म, इको-पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी ट्रेन्डिंग जैसी योजनाएं भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। कोरोनाकाल के बाद पर्यटन उद्योग के लिए वर्ष 2024 नई ऊर्जा, उम्मीद और अवसर लेकर आया। खजुराहो, ओरछा, पन्ना, उज्जैन, महेश्वर, ग्वालियर जैसे गंतव्य अब फिर से अंतरराष्ट्रीय और देशी पर्यटकों की पहली पसंद बनने लगे हैं। यदि यही रुझान बना रहा, तो आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश विश्व पर्यटन मानचित्र पर और अधिक मजबूती से स्थापित हो सकता है।
Published on:
24 Jun 2025 10:45 am