दरअसल, एक वर्षीय प्राशिता नहाते वक्त पानी में डूब गई थी। जिसे सोनीपत के ही सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद वहां से शुक्रवार दोपहर को पीजीआई में रेफर कर दिया गया। परिजन बच्ची को गंभीर हालत में लेकर अस्पताल पहुंचे। वेंटिलेटर न मिलने के कारण बच्ची की मौत हो गई। परिवार छतरपुर जिले के ओटापुर्वा गांव का रहने वाला है। वह हाल में सोनीपत के रायपुर गांव में किराए से रहते हैं।
बच्ची की मां नोनी ने बताया कि वह गरीब परिवार से आते हैं। बच्ची का इलाज प्राइवेट अस्पताल में कराने में सक्षम नहीं थे। इसलिए बच्ची को पीजीआई में भर्ती कराया। यहां पर डॉक्टरो ने कहा था कि अगर वेंटिलेटर मिल जाता है तो बच्ची की जान बचाई जा सकती है। रात नौ बजे तक वेंटिलेटर न मिलने से बच्ची की मौत हो गई।
किसी ने नहीं की मदद
बच्ची की मां ने बताया कि वेंटिलेटर का इंतजाम कराने के लिए हमने डॉक्टरों के आगे हाथ-पांव जोड़े। मिन्नतें की, मगर वेंटिलेटर न मिल सका। डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि किसी बड़े डॉक्टर के फोन करने से वेंटिलेटर मिल जाएगा, लेकिन हमें यहां कोई जानता नहीं था। जिसके कारण बच्ची को वेंटिलेटर नहीं मिल पाया।