30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बारिश के पहले शहर में नहीं हुई तैयारी, तालाबों में भरेगी गंदगी

बारिश के पूर्व होने वाली तैयारियों की चिंता शायद किसी को नहीं है। यही वजह है कि प्री-मानसून की बारिश में सरकारी नालों में भरी गंदगी और कचरा शहर के तालाबों और सिंघाड़ी नदी में भरेगी।

2 min read
Google source verification

छतरपुर. बारिश के पूर्व होने वाली तैयारियों की चिंता शायद किसी को नहीं है। यही वजह है कि प्री-मानसून की बारिश में सरकारी नालों में भरी गंदगी और कचरा शहर के तालाबों और सिंघाड़ी नदी में भरेगी। निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति होगी और गलियों में भी लोगों को नालियों का कचरा सडक़ों पर फैला मिलेगा। हालांकि नगरपालिका का कहना है कि बारिश के पहले अभियान के तौर पर नालों की सफाई का काम किया जाना है।

शहर में बारिश के पहले नगरपालिका ने नालों की सफाई नहीं की है। शहर में करीब आधा दर्जन बड़े और दो दर्जन से ज्यादा छोटे सरकारी नाले हैं। तालाबों के ओने से जुड़े नाले और तालाबों के कैचमेंट एरिया से जुड़े सभी बड़े नाले इन दिनों गंदगी से भरे हैं। पॉलीथिन, डिस्पोजल, प्लास्टिक सहित नष्ट नहीं होने वाले कचरे से पटे नाले-नालियों के कारण अधिकांश नाला चोक हैं। बारिश होने पर इन नालों से पानी का बहाव फिलहाल नहीं हो रहा है। लेकिन जैसे ही बारिश होगी तो नालों का पूरा कचरा शहर के तालाबों और नदी में भरेगा। ऐसे में जल स्त्रोत भी दूषित होंगे।

नालों पर कब्जा है इसलिए नहीं हो पाती सफाई

शहर के अधिकांश सरकारी नालों पर पक्के निर्माण हो जाने के कारण उनकी गंदगी साफ नहीं हो पा रही है। हालांकि नगरपालिका के पास सफाई के लिए पर्याप्त संसाधन और मशीनरी है, लेकिन सफाई अमले की उदासीनता के कारण समय रहते इस काम को नहीं किया जा रहा है। शहर के सटई रोड, पन्ना रोड, गल्ला मंडी, मऊ दरवाजा, बसारी दरवाजा, सागर रोड, बस स्टैंड सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों के नालों पर अतिक्रमण लगातार होता जा रहा है। जो खुला हुआ नाला है वह गंदगी से भरा पड़ा है।

नालों को साफ करके साफ पानी पहुंचाया जा सकता है तालाबों में

शहर के तालाबों की वर्षो से सफाई कर रहे संगठनों के प्रमुख डीडी तिवारी, प्रदीप सेन, शंकर सोनी, केएन सोमन, बालमुकुंद पौराणिक आदि का कहना है कि नालों की सफाई अगर बारिश के पहले हो जाती है तो सभी तालाबों में साफ पानी भरेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी ऐसा ही होता था। बारिश के पहले नालों को साफ करा दिया जाता था। पहली बारिश होने पर भी कचरा तालाबों में नहीं जाता था। ऐसे में जल स्त्रोत गंदे नहीं हेाते थे। लेकिन अगर इस बार नालों को साफ नहीं किया गया तो सभी जल स्त्रोत गंदे होंगे।