छतरपुर. छतरपुर मेडिकल कॉलेज कैंपस का निर्माण 247 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। लेकिन अभी तक डीन की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इससे अन्य नियुुक्तिां, मान्यता संबंधी प्रक्रिया ही शुरु नहीं हो पा रही है। मेडिकल कॉलेज में 2024 से प्रवेश शुरू करने की योजना पहले से ही देरी से चल रही है। अब 2025 में भी क्लासें शुरू होने की संभावना कम नजर आ रही है।
डीन की नियुक्ति के बाद कॉलेज की गतिविधियों को शुरू किया जा सकेगा। डीन की पहल पर सरकार कॉलेज के लिए पदों की स्वीकृति देगी। कुछ पद ट्रांसफर से भी भरे जाएंगे। शेष शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान ही डीन की ओर से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता के लिए आवेदन किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए 1200 कर्मचारियों की नियुक्ति जरूरी है। इसमें 155 टीचिंग स्टाफ रहना चाहिए। इनमें लैक्चरर और प्रोफेसर शामिल हैं। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ, क्लेरिकल और चतुर्थ श्रेणी स्टाफ भी रहेगा।
लेटलतीफी के चलते मेडिकल कालेज कैंपस अब 2024 के बजाए वर्ष 2025 तक बनकर तैयार हो पाएंगे और 2025 में ही एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए प्रवेश भी शुरू हो जाएंगे। इसके पहले इन कालेजों के लिए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिससे एमसीआई इन्हें संचालित करने के लिए अनुमति दे सके। मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए 1200 कर्मचारियों की नियुक्ति जरूरी है। इसमें 155 टीचिंग स्टाफ रहना चाहिए। इनमें लैक्चरर और प्रोफेसर शामिल हैं। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ, क्लेरिकल और चतुर्थ श्रेणी स्टाफ भी रहेगा।
एमसीआइ के अनुसार 100 विस्तर वाले मेडिकल कॉलेज की शुरूआत करने के लिए सभी विभागों में पद निर्धारित किए गए हैं। शुरु होने वाले 19 विभागों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, डिमोस्ट्रेटर .टैक्निीशियन, नर्सिग स्टाफ और स्वीपर के पदों की भर्ती की जाएगी। कुछ विभागों के लिए जरूरी स्टाफ जिला चिकित्सालय में उपलब्ध है, उन्हें मेडिकल कॉलेज में प्रतिनियुक्ति दी जाएगी। एमसीआइ के नाम्र्स के अनुसार बाकी स्टाफ की भर्ती का अभियना चलाया जाएगा।
कैंपस की पुरानी लागत- 216 करोड़ रुपए
लागत- 247.12 करोड़ रुपए
भवन- 13
कैंपस- 35 एकड़
पहले साल प्रवेश- 100 सीट
टीचिंग स्टाफ- 155
कर्मचारी- 1200
Published on:
30 Jun 2024 10:35 am