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तय समय में एनटीपीसी व खजुराहो पन्ना रेल लाइन का नहीं शुरु हो सका काम, अब जाकर दोनों के टेंडर होंगे

जिले के दो बड़े प्रोजेक्ट पर वर्ष 2024 में भी काम शुरु नहीं हो सका। जिले के विकास के लिए बनाई गई इन योजनाओं को लेकर हलचल तो रही, लेकिन इन पर काम शुरु नहीं हो सका। बरेठी में थर्मल पावर प्लांट के बजाए सोलर पॉवर प्लांट निर्माण की प्रक्रिया सात साल से चल रही है। इस वर्ष भूमिपूजन भी हो गया।

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खजुराहो रेल लाइन

छतरपुर. जिले के दो बड़े प्रोजेक्ट पर वर्ष 2024 में भी काम शुरु नहीं हो सका। जिले के विकास के लिए बनाई गई इन योजनाओं को लेकर हलचल तो रही, लेकिन इन पर काम शुरु नहीं हो सका। बरेठी में थर्मल पावर प्लांट के बजाए सोलर पॉवर प्लांट निर्माण की प्रक्रिया सात साल से चल रही है। इस वर्ष भूमिपूजन भी हो गया। लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी न होने से निर्माण शुरू नहीं सका है। इसी तरह खजुराहो-पन्ना के बीच वर्ष 2024 से ट्रेन चलाने की योजना 2019 में बनाई गई। लेकिन इस लाइन के निर्माण के लिए भूमिअधिग्रहण और टेंडर प्रक्रिया भी अभी नहीं हो पाई है। जिले की दो बड़ी केंद्रीय परियोजनाओं की देरी के चलते इनका लाभ मिलने में अभी वर्षो का समय लग सकता है।

2017 में बनी सोलर प्लांट की योजना, अब तक पूरी नहीं हुई


छतरपुर मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर ग्राम बरेठी में 28000 करोड़ की लागत से 2013 में प्रस्तावित एनटीपीसी के थर्मल पावर प्लांट के लिए 2839 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। लेकिन पर्यावरण मंजूरी न मिलने कारण कोयले से बिजली बनाने के इस पावर प्लांट का वर्ष 2017 से अधर में लटक गया था। वर्ष 20-20 में थर्मल की जगह सोलर पावर प्लांट लगाने पर केन्द्र व राज्य सरकारों में सहमति बनी। 630 मेगावाट के प्लांट का भूमिपूजन किया गया। लेकिन टेंडर की प्रक्रिया पूरा नहीं होने से काम शुरू नहीं हो सका।

पहला प्लांट नहीं लगा तो दूसरे में भी देरी


जिले में सोलर पावर परियोजना के तहत 2 सोलर पावर प्लांट लगाए जाना है। ताप विद्युत परियोजना के लिए बरेठी में अधिग्रहीत जमीन पर 630 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। वहीं बिजावर के पास पुरवा में 950 मेगावाट की यूनिट लगाई जाएगी। राज्य सरकार ने बरेठी की अधिग्रहित जमीन का उपयोग बदलने की अनुमति दे दी है। वहीं बिजावर में 950 मेगावाट की दूसरी यूनिट के लिए जमीन आवंटित की गई है। पहला प्लांट न लगने से दूसरे प्लांट के निर्माण की कवायद भी नहीं हो पा रही है।

रेल लाइन को नहीं मिला बजट


खजुराहो से पन्ना तक 72 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का काम इस साल भी शुरु नहीं हो पाया। तय समय से करीब 5 साल पीछे चल रही प्रक्रिया अटकी हुई है। वर्ष 2019 से लेकर अब तक जो बजट मिला उसे इधर-उधर दे दिया गया। रेलवे बोर्ड से अतिरिक्त बजट के रुप में मिले 53 करोड़ रुपए को रीवा सिंगरौली रेल लाइन के लिए अलॉट कर दिया गया है। इसके पहले खजुराहो से सतना के बीच रेल लाइन के लिए मिले 50 करोड़ रुपए पन्ना से सतना रेल लाइन के बीच खर्च होने से खजुराहो-पन्ना रेललाइन का काम शुरु नहीं हो पाया था। अप्रेल 2020 में छतरपुर जिले की सीमा पर केन नदी के पुल और खजुराहो से केन नदी तक रेल लाइन निर्माण का टेंडर जारी नहीं हो पाया। इसके बाद जारी हुए अतिरिक्त बजट की राशि दूसरे रेलखंड को मिल जाने से खजुराहो से पन्ना के बीच वन भूमि के अधिग्रहण का काम भी टल गया।वर्ष 2022, 2023 में भी रेल लाइन के लिए बजट नहीं मिल सका। इस तरह से वर्ष 2024 से खजुराहो से पन्ना के बीच ट्रेन चलाने का प्रोजेक्ट एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका।


इस साल 150 करोड़ के टेंडर की उम्मीद


खजुराहो पन्ना रेल लाइन के लिए इस साल मिले 150 करोड़ के बजट से केन नदी के रेलवे ब्रिज व 20 किलोमीटर रेल लाइन के लिए टेंडर होंगे। वन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, ऐसे में रेल लाइन निर्माण कार्य को रफ्तार मिलने की उम्मीद की जा रही है।

लगातार बढ़ रही लागत


खजुराहो से पन्ना रेल लाइन के लिए 2100 करोड़ रुपए खर्च करके रेलवे लाइन, स्टेशन और ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। खुजराहो से पन्ना तक 72 किलोमीटर रेल लाइन डाली जाएगी। हालांकि अब रिवाइज्ड रेट के अनुसार 3000 करोड़ रुपए लागत आने की संभावना है। इस रेल खंड में सबसे बड़ा पुल केन नदी पर बनहरी के पास बनाया जाना है। वहीं, बरखेड़ा, सूरजपुरा, सबदुआ, बालूपुर, अजयगढ़ और सिंहपुर में रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा।

इनका कहना है

टेंडर होने पर काम शुरू होगा। केन नदी पर बनने वाला पुल इस सेक्शन का सबसे बड़ा पुल है। इसके लिए टेंडर होना है। 20 किलोमीटर रेल लाइन पहले चरण में बनाने की योजना है।
महेन्द्र आर्य, सेक्शन इंजीनियर, रेलवे

इनका कहना है


सोलर प्लांट के लिए टेंडर खुलना बाकी है। इसके बाद अवार्ड पारित होगा और निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
एसपी पांडेय, क्षेत्रीय अधिकारी, एनटीपीसी