
खुशी... किशोर ने बताया कि पेड़ पौधों की सेवा करने से खुशी मिलती है।
छिंदवाड़ा.शिवराज सरकार के पर्यावरण हितैषी अंकुर अभियान को जिले भर में रिस्पांस नहीं मिल पाया है। मौसम की बेरुखी से अपर्याप्त बारिश कहें या फिर वायु दूत एप की तकनीकी बाधा के चलते प्लांटेशन का आंकड़ा एक हजार भी पूरा नहीं हो पाया। सरकारी प्रचार-प्रसार की कमी के साथ अधिकारी मैदान में दिखाई नहीं दिए।
पिछले माह जून में पांच तारीख को पर्यावरण दिवस के मौके पर जिले में अंकुर अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान में पौधे लगाकर इसकी फोटो वायुदूत एप में अपलोड करनी थी। उसके 30 दिन बाद पुन: उसी स्थल पर पहुंचकर उस पौधों की फोटो पुन: एप में डालनी थी। यह अभियान आगे बढ़ता लेकिन पहले तो जिम्मेदार अधिकारी कोरोना संक्रमण के डर से मैदान में नहीं निकले और कोई रोल मॉडल नहीं बना। सब कुछ आम जनता पर छोड़ दिया गया। दूसरा जून के पहले पखवाड़े में बारिश हुई तो दूसरे पखवाड़े में इसका अता पता नहीं था। जुलाई में 15 दिन होने पर आए, मानसून रफ्तार नहीं पकड़ पाया। तीसरा कारण यह रहा कि वायुदूत एप में तकनीकी खराबी दिखी। पहले पौधों की फोटो अपलोड होने में परेशानी हुई। फिर दूसरी बार भी यह दिक्कत बनी रही। इन तीन कारण से पर्यावरण की हितैषी इस योजना सहीं ढंग से क्रियान्वित नहीं हो सकी। जबकि अंकुर अभियान में ठीक ढंग से दस हजार पौधे लगते तो कम से कम गर्मी में 44-45 डिग्री पहुंचते तापमान में कमी आती।
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रजिस्ट्रेशन से भी कम लोगों ने ली रुचि
अंकुर अभियान की शुरुआत हुई थी तो वायुदूत एप में केवल 1368 पर्यावरण प्रेमियों ने रजिस्ट्रेशन कराकर रुचि ली थी। उसके बाद जब पहला पौधा लगाने की बारी आई तो 975 लोगों ने ही पौधे लगाकर फोटो अपलोड की। उसके 30 दिन बाद जब दूसरी फोटो लगाने का समय आया तो सिर्फ 144 लोग ही ऐसा कर पाए। यह आंकड़ा जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिए शर्मनाक है। इससे सबक लेकर कम से कम सुधारा जाना चाहिए।
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यह भी हुआ..पौधे लगाए गए,अपलोड नहीं किए
जून से लेकर 16 जुलाई तक जिले भर में हजारों पौधे युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गो ने जगह-जगह लगाए लेकिन उन्हें वायु दूत एप में अपलोड नहीं किया। प्रचार-प्रसार के अभाव में उन्हें जानकारी नहीं मिली और ना ही किसी रोल मॉडल अधिकारी ने इस अभियान को आगे बढ़ाया। इससे यह अंकुर अभियान पिछड़ गया।
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नहीं तो हजारों बनते वृक्ष वीर और वृक्ष वीरांगना
पौधरोपण के लिए चलाए जा रहे अंकुर अभियान में पौधे लगानेवाले वृक्ष वीर और वृक्ष वीरांगना की उपाधि देने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही पौधे लगानेवालों की निगरानी के लिए छह वेरीफायर भी नियुक्त किए गए थे। इस अभियान का उद्देश्य ऑक्सीजन की उत्पादकता और भू-जल संरक्षण को बढ़ाकर हरियाली फैलाने की जन जागृति लाना था। फिलहाल अभियान में ज्यादातर की रुचि दिखाई न देने से हजारों लोग वृक्षवीर और वीरांगना का दर्जा नहीं पाएंगे।
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इनका कहना है...
अंकुर अभियान की पहली और दूसरी फोटो अपलोड होने में तकनीकी खराबी से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है। इसी तरह मानसून चक्र के गड़बड़ाने से भी प्लांटेशन पर असर पड़ा। हम अभियान को गति देने प्रयासरत है।
-आरके कोरी, उपसंचालक उद्यानिकी और नोडल अधिकारी अंकुर अभियान।
Published on:
17 Jul 2021 09:29 pm
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