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महंगाई से राहत देने बाजार में नहीं पहुंचा सस्ता भारत आटा

केन्द्र सरकार ने फरवरी में आटा उपलब्ध कराने की थी घोषणा, प्रशासन को गाइड लाइन आई न कोई एजेंसी सक्रिय दिखी

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छिंदवाड़ा. गेहूं की ऊंची कीमतों से आटा के 40 रुपए किलो तक पहुंच जाने पर केन्द्र सरकार ने सस्ता आटा देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक उसका मैदानी अमल नहीं हो पाया है। इस भारत आटा को फरवरी में लाने का प्लान था। पूरा माह बीतने पर आया, गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार इस राहत का इंतजार कर रहे हैं।
केन्द्र सरकार ने गेहूं के दाम थामने और निजी कारोबारियों और फर्मों की मनमानी को रोकने खुद ही आटा बेचने का निर्णय लिया है। इस आटा का नाम भारत आटा रखते हुए इसकी कीमत 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम भी घोषित की है। केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने इसका जिम्मा केंद्रीय भंडार और नाफेड जैसी सहकारी समितियां समेत अन्य एजेंसियों को सौंपा था। इसके साथ ही केन्द्रीय भंडार से गेहूं भी जारी किया है। इस सस्ते आटा को 6 फरवरी तक उपलब्ध कराने के संकेत दिए गए थे। इस अवधि के 15 दिन बीत जाने के बाद भी सस्ता आटा नहीं आ पाया है। गरीब एवं जरूरतमंद राशन दुकानों में इसकी पूछताछ कर रहे हैं। इसकी कोई गाइड लाइन और दिशा-निर्देश नहीं आने से खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी असमंजस में हैं।
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पहले गेहूं से आटा, फिर होगा विक्रय
बताया गया था कि केन्द्र सरकार की एजेंसी एफसीआई गेहूं का आवंटन करेगी। फिर इससे आटा बनाया जाएगा। उसके बाद खुदरा दुकानों, मोबाइल वैन आदि से उपभोक्ताओं को 29.5 रुपए प्रति किलोग्राम पर आटा बेचना होगा। फिलहाल एजेंसियों को लेकर भी विस्तृत गाइड लाइन नहीं आई है। आम उपभोक्ता मान रहा है कि सरकार इसे राशन दुकानों के माध्यम से उपलब्ध कराएगी। फिलहाल उसे गेहूं की आटा की महंगाई झेलनी पड़ रही है। इससे निजात की राहत दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही है।
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अपेक्षा से कम गेहूं खरीदी का पंजीयन
रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की पंजीयन तिथि 28 फरवरी को चार दिन शेष बचे हैं। अभी तक केवल 14467 किसानों ने पंजीयन कराया है। चार दिन में यह संख्या अधिकतम 17 हजार तक पहुंच सकती है। इससे साफ है कि बाजार की ऊंची कीमतों के चक्कर में किसान सरकारी कोटा में गेहूं देने के इच्छुक नहीं हैं। जबकि पिछले साल 56 हजार किसानों का पंजीयन था। खाद्य आपूर्ति विभाग बार-बार किसानों को पंजीयन करने की प्रेरणा देता नजर आ रहा है।

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इनका कहना है...
केन्द्र सरकार के सस्ता आटा उपलब्ध कराने की योजना की गाइड लाइन और दिशा-निर्देश का इंतजार हैं। वरिष्ठ कार्यालय से निर्देश आने पर उस पर अमल कराया जाएगा।
-अंजू मरावी, जिला आपूर्ति अधिकारी।
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