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एक ही टेक्निशियन के भरोसे डायलिसिस यूनिट…अन्यत्र जगह उपचार करा रहे मरीज, जानें वजह

- सामान्य और कोविड मरीजों के उपचार में आती है दिक्कतें

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एक ही टेक्निशियन के भरोसे डायलिसिस यूनिट...अन्यत्र जगह उपचार करा रहे मरीज, जानें वजह

एक ही टेक्निशियन के भरोसे डायलिसिस यूनिट...अन्यत्र जगह उपचार करा रहे मरीज, जानें वजह

छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से सम्बद्ध जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट एक ही टेक्निशियन के भरोसे संचालित की जा रही है। वर्तमान में विभाग में तीन मशीन स्थापित है, जिसमें से दो मशीन सामान्य मरीजों के लिए तथा एक कोविड-19 वार्ड में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए स्थापित की गई है। टेक्निशियन एक ही होने की वजह से सामान्य और संक्र्रमित दोनों तरह के मरीजों को उचित उपचार देने में मशक्कत करनी पड़ती है तथा कई बार मरीजों को समय पर सेवाएं भी नहीं मिल पाती है।

इससे परिजन आक्रोशित होते है तथा अपने मरीज को नागपुर या अन्य किसी संस्थान में डायलिसिस के लिए ले जाते है। ऐसा ही एक मामला 2 अक्टूबर 2020 को सामने आया, जिसमें पीडि़तों ने बताया कि डॉक्टर और टेक्निशियनों से मिन्नतें करने पर भी उनके मरीज का डायलिसिस दिए जाने में लेटलतीफी का माहौल था।

इसके कारण उन्हें नागपुर जाना पड़ा। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के प्रयास से करीब आठ लाख रुपए की लागत से जिला अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में एक नई डायलिसिस मशीन स्थापित की गई। इसके चलते अब जिला अस्पताल के पास तीन डायलिसिस मशीन की उपलब्धता है, पर टेक्निशियन एक मात्र ही है।


अभी यह है स्थिति -


डायलिसिस यूनिट में वर्तमान में 22 किडनी रोगियों का नाम पंजीकृत है, जिनमें से प्रतिदिन चार लोगों का डायलिसिस किया जाता है। पिछले सप्ताह में एक ही कोरोना किडनी रोगी पंजीकृत था तथा वर्तमान में अभी कोई नहीं है। बताया जाता है कि नर्सिंग स्टाफ भी मशीन को संचालित करना सीखना नहीं चाहता है, जिससे भी उक्त दिक्कत होती है।


आवश्यकता होने पर नियुक्त किया जाएगा -


वर्तमान में दो ही मशीन संचालित हो रही है तथा कोविड-19 संक्रमित कोई मरीज आता है तो अतिरिक्त टेक्निशियन की नियुक्ति की शासन के निर्देशानुसार की जाएगी।


- डॉ. पी. कौर गोगिया, सिविल सर्जन