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डेढ़ करोड़ घोटाले में फंसे यह अधिकारी-कर्मचारियों को मिली मुक्ति, जानें वजह

संचालनालय ने दी पूर्व सीएस समेत अन्य को बड़ी राहत

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Scams Rs 20 lakhs by village Secretary

90 हजार के चेक में आगे 9 लिख कर निकाल लिए 9 लाख 90 हजार, एक के बाद एक किया 20 लाख का घपला फिर ऐसे पकड़ा गया शातिर...

छिंदवाड़ा. मप्र स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल ने जिला अस्पताल में औषधियों एवं सामग्रियों के क्रय में किए गए एक करोड़ 39 लाख 94 हजार 137 रुपए की वित्तीय अनियमितता मामले में पूर्व सिविल सर्जनों समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ जारी प्रकरण समाप्त कर दिया है। साथ ही उक्त मामले में शामिल सभी अधिकारी-कर्मचारियों की निलंबित अवधि को मान्य किया गया है तथा उक्त अवधि के वेतन-भत्तों का भुगतान जीवन निर्वाह भत्ते की राशि समायोजित कर करने के निर्देश दिए गए है।

मामले में उप संचालक (शिकायत) डॉ. विनोद कुमार देशमुख ने निर्देश जारी कर दिए है, जिसके तहत जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में वर्ष 2011 से 2016-17 (सितम्बर 2017) की अवधि में औषधियों एवं सामग्रियों की खरीदी में एक करोड़ 39 लाख 94 हजार 137 रुपए की वित्तीय अनियमितता के संदर्भ में कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा 27 जनवरी 2017 को प्रस्तुत किए गए जांच प्रतिवेदन के आधार पर संचालनालय ने संबंधित चिकित्सा अधिकारी-कर्मचारियों को 23 मार्च 2017 को निलंबित किया था।

कलेक्टर छिंदवाड़ा के अर्ध शासकीय पत्र में उक्त शासकीय धन का अनुचित ढंग से आहरण कर आपराधिक षढय़ंत्र करते हुए दुर्विनियोजन किया जाना बताया गया था। मामले में संबंधित सभी अधिकारी-कर्मचारियों से प्रतिवाद जवाब में औषधि तथा सामग्रियों को आवश्यकता, परिस्थितियां तथा मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम का पालन करते हुए समिति के अनुमोदन उपरांत प्रदेश व भारत शासन के उपक्रमों से खरीदा जाना बताया गया है। साथ ही प्रत्येक वित्तीय वर्ष में महालेखाकार ग्वालियर, संयुक्त संचालक जबलपुर तथा मप्र स्वास्थ्य संचालनालय सेवाएं द्वारा कार्यालय आडिट किया जाता है, जिसमें भी उक्त अनियमितताओं का उल्लेख नहीं किया गया है।

यह था मामला -

जिला प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में वर्ष 2011 से 2015 के माध्य जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में औषधि एवं सामग्री क्रय प्रक्रिया भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं कर, इ-टेंडरिंग के माध्यम से निर्धारित दरों से अधिक दरों पर सामग्री क्रय करना, अमानक सामग्री प्राप्त कर भुगतान करना, अनुचित जाति-जनजाति संस्थाओं से सामग्री क्रय करने के संबंध में शासन निर्देशों का उल्लंघन करना, इ-टेंडरिंग के माध्यम से निर्धारित की गई संस्था से सामग्री क्रय न कर अन्य संस्थाओं से खरीदना, बिना आवश्यकता के खरीदी करना तथा सहकारी उपभोक्ता संघ सागर, उज्जैन, शहडोल तथा मेडिकल स्टोर्स छिंदवाड़ा के अनुचित लाभ दिया जाना आदि बिंदुओं पर वित्तीय अनियमितताएं बताई गई थी।

इन्हें मिली राहत -


1. सेवानिवृत्त पूर्व सिविल सर्जन डॉ. पी.के. श्रीवास्तव2. सेवानिवृत्त पूर्व सिविल सर्जन डॉ. हेमंत नायडू3. सेवानिवृत्त लेखापाल मनोहर डिगरसे4. सेवानिवृत्त कम्पाउंडर पी.सी. कुरोपा5. सहायक वर्ग-3 रमेश जनवारे6. संगणक रमेश राउत7. लेखापाल सुनीता डोंगरे8. फार्मासिस्ट गे्रड-2 देवेंद्र बड़ोदिया