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पीएससी परीक्षा में सामान्य रुचि विषय का महत्वपूर्ण योगदान

सामान्य अभिरुचि परीक्षण (सी-सेट) एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का द्वितीय प्रश्न-पत्र है

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Important Contribution of General Interest in PSC Examination

Important Contribution of General Interest in PSC Examination

छिंदवाड़ा. सामान्य अभिरुचि परीक्षण (सी-सेट) एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का द्वितीय प्रश्न-पत्र है। इसमें १०० प्रश्न २०० अंक के पूछे जाते हैं। हालांकि यह क्वालीफाइंग प्रकृति का प्रश्न-पत्र है, लेकिन वन सेवा के लिए यह स्कोरिंग है अर्थात इसके अंक जोडे़ जाते हंै। अत: इसे इसमें भी विशेष ध्यान देना चाहिए। डीएसपी हिमांशु कार्तिकेय ने बताया कि ज्यादातर उम्मीदवार इस पर ध्यान नहीं देते हैं। इस विषय की तैयारी प्रथम प्रश्न-पत्र की तरह ही करना चाहिए।

इस खंड की प्रेक्टिस अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए प्रतिदिन एक घंटे इसका अभ्यास करना चाहिए। इसके लिए २०१२ से २०१७ के एमपीपीएससी, २०१० से २०१७ के यूपीएससी तथा २०१५ से २०१७ के अन्य राज्यों की परीक्षा के सी-सेट के पेपर अवश्य हल करना चाहिए। कई प्रश्नों के दोहराव की संभावना रहती है। इस अंक तथा अगले अंक में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। सिलेबस के अनुसार इस विषय को सात भागों में बांट लें-


पहला भाग : बोधगम्यता


यह अपठित गद्यांश का एक भाग है, परंतु यहां सामान्य अपठित गद्यांश की बजाए विश्लेषणात्मक गद्यांश पूछे जाते है। इस ख्ंाड में उत्तर पूर्णत: गद्यांश पर आधारित न होकर उसके संपूर्ण तथ्यात्मक तथा मूल्यात्क विश्लेषण पर आधारित होते है। यहां से १५ से २० प्रश्न पूछे जाते है। इस अरिहंत सामान्य अभिरुचि परीक्षण, टाटा मेग्राहिल पेपर २ या इंटसेट पर उपलब्ध सामाग्री से पढ़ा जा सकता है। इस खंड को हल करने के लिए निम्न चरण अपनाएं -


(अ) उद्धरण के प्रश्नों को पहले पढ़ लें।
(ब) अब उद्धरण पढें़ तथा महत्वपूर्ण शब्दों को रेखांकित करते जाएं।
(स) पुन: उद्धरण पढ़ प्रश्नों के उत्तर खोजें व उत्तर रेखांकित शब्दों के आसपास ही मिलेंगे।
(द) यदि उद्धरण बहुत बड़ा है या भाषा बहुत किलिष्ट है तथा मात्र एक प्रश्न पूछा गया है तो बेहतर होगा उसे छोड़ दें।
(क) उद्धरण एेतिहासिक, समसमायिक या अन्य पढ़ें हुए विषयों से संबंधित हो तो जो आपने सामान्य ज्ञान प्रश्न-पत्र में पढ़ा है, उसी आधार पर उत्तर खोजें।


द्वितीय भाग : सामान्य मानसिक योग्यता


यह अत्यंत सरल खंड है। जिसे एकाग्रता से हल करने पर उत्तर आसानी से प्राप्त होते है। इसमें से १८ से २० प्रश्न पूछे जाते है। इस खंड को हल करने के लिए ध्यान रखें कि प्रत्येक प्रश्न में स्वयं का उदाहरण लें। जैसे रक्त संबंध, दिशा-दूरी आदि के प्रश्नों में साथ तार्किक प्रश्नों में सबसे आसान पद्धति पर ध्यान दें। एमपीपीएससी में घुमावदार प्रश्नों की संख्या कम होती है। अत: सामान्य परिश्रम से हल मिल जाएगा। इसे मास्टर रीजनिंग, अरिहंत, आरएस अग्रवाल या बैंकर्स अड्डा की वेबसाइट से हल कर सकते हंै। इसे दो खंडों में बांट लें। पहला खंड जिसमें अधिकतम् प्रश्न पूछे जाते है तथा दूसरा खंड कम महत्वपूर्ण टॉपिक का है। जिसे परीक्षा के लिए छोड़ा जा सकता है-


(अ) खंड - १ वर्णमाला व श्रृंखला परीक्षण, संकेतबद्धता, बैठक व्यवस्था, क्रम परीक्षण, दिशा-दूरी, रक्त संबंध, आरेखीय निरुपण,कैलेण्डर, पासा, ज्यामितीय आकृतियों की गणना, पहेली समस्या आदि।
(ब) खंड - २ - सादृश्यता, गणितीय संक्रियाएं व तर्कशक्ति, शब्दों का तार्किक क्रम, घड़ी व धन आदि।


तृतीय भाग : निर्णयन क्षमता व समस्या समाधान


यह खंड एक प्रशासनिक अधिकारी के जीवन में निर्णय लेने तथा समस्याओं के विधिवत समाधान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पीएससी परीक्षा में यहां से ८ से १० प्रश्न पूछे जाते हंै। यहां पूछे जाने वाले प्रश्न अत्याधिक सरल व मित्रवत मालूम पड़ते हंै। इसमें उत्तर आपकी सोच से उलट हो जाते हैं। यदि आप पूर्णत: तार्किक व नियमानुसार सोचते हंै तो उत्तर आसानी से प्राप्त हो सकते हैं। इस खंड को अरिहंत या टीएमएच की पुस्तकों से पढ़ सकते हंै। इसके लिए एक नियत प्रक्रिया अपनायी जाती है -


(१) समस्या की पहचान करना।
(२) समाधान के लिए विकल्पों का चयन करना।
(३) उपयुक्त विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन करना।
(४) चयनित विकल्प का क्रियांनवयन कर परिणामों का मूल्यांकन करना।

नोट - इस खंड के प्रश्नों को निम्न आधारों पर तलाशें -


(अ) प्रश्न में सवाल जीवन या मृत्य का है, तो आप सब काम दरकिनार कर व्यक्ति की जान बचाएं।
(ब) उत्तर तथ्य की बजाए मूल्यों के आधार पर तलाशें।
(स) यदि आप किसी शासकीय सेवा में हो तो आचार नियमों के आधार पर प्रश्न हल करें।
(द) उत्तर पूर्णत: कानून संगत होना चाहिए तथा यह विश्वास कर उत्तर लगाएं कि प्रशासनिक अधिकारी के रूप में यह आपके क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं।
(क) किसी जनसमुदाय के हित से किसी का व्यक्तिगत अहित दिखता हो तो जनसमुदाय वाला उत्तर चुनें।
(ख) वैधानिक, सामाजिक तथा वस्तुगद्यता को आधार बनाकर ही उत्तर चुनें।


चतुर्थ भाग : गणित


गणित बहुत से विद्यार्थियों के लिए डल रहा है। इसलिए सलाह दी जाएगी कि आप गणित में बेहद कमजोर है तो इस भाग के खंड-१ को छोडक़र अन्य कुछ भी हल न करें। इसमें १० से १२ प्रश्न पूछे जाते हंै। इसे अरिहंत, टीएमएच, आरएस अग्रवाल, समसमायिकी घटनाचक्र इलाहाबाद का गणित विशेषांक या बैंकर्स अड्डा की वेबसाइट से हल कर सकते हैं। गणित पूर्णत: प्रेक्टिस का विषय है। इसे कम समय में सींखना कठिन है।

यदि आप गणित में कुछ ठीक हो तो पुराने प्रश्न-पत्रों के आधार पर यहां टॉपिक बताएं जा रहे हैं, जहां से सर्वाधिक प्रश्न आते हैं। उनकी प्रेक्टिस कर सकते हैं। इसके लिए इन्हें तीन खंड में बांटें तथा ध्यान दें कि खंड-१ सभी करें। खंड-२ वह करें जिनकी गणित कुछ ठीक है तथा बहुत अच्छी गणित वाले खंड-३ भी करें।


(१) खंड-१ सरलीकरण, वर्ग, वर्गमूल, घन, घनमूल, आंकिक प्रश्न।
(२) खंड-२ शृृंखला परीक्षण, औसत, प्रतिशत, लाभ-हानि, समय व कार्य, अनुपात व प्रामाणिकता, आंकड़ों की व्याख्या व पर्याप्ताता (पाई चार्ट, ग्राफ व टेबल)।
(३) खंड-३ सहभागिता, पाइप व टंकी, टे्रन पर सवाल, नाव व धारा, मिश्रण, साधारण व चक्रवृद्धि ब्याज, क्षेत्रफल, आयतन, प्राथमिकता, बट्टा, ऊंचाई व दूरी।