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गेहूं की बम्पर आवक के लिए तैयार नहीं कुसमेली मंडी, खुले में ही किसान ढेर करने के लिए मजबूर

बादल छाए हुए थे, इसलिए किसान उपज को ढेर करने की जगह बोरियों से स्थान आरक्षित कर रहे थे

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Kusmeli Mandi

26 मार्च से बंद कृषि उपज मंडी में बुधवार से कामकाज शुरू होगा। सात दिनों के बाद मंडी में किसानों की चहल पहल होगी। लेकिन, विडम्बना यह है कि सात दिन तक नीलामी बंद रहने के बावजूद मंडी के सातों शेड सहित ओपन प्लेटफॉर्म तक से व्यापारियों ने अपनी उपज का उठाव नहीं किया। एक अप्रेल, मंगलवार को जब पत्रिका टीम ने कृषि उपज मंडी पहुंचकर वास्तविकता का जायजा लिया। किसान खुले में ही अपनी उपज ढेर कर रहे थे। बादल छाए हुए थे, इसलिए उपज को ढेर करने की जगह बोरियों सहित ही स्थान आरक्षित कर रहे थे।

उक्त किसान से जब बात की गई तो उसने बताया कि शेड में पहले से बिका हुआ व्यापारियों का माल रखा हुआ है, तो हमें खुले परिसर में ही बोरियां रखनी पड़ा रही हैं। उल्लेखनीय है कि इन सात दिनों में करीब 30-40 किसानों का उपज ही मंडी में पहुंचा है। जबकि बुधवार की सुबह निर्धारित समय तक 300 से अधिक किसानों के पहुंचने की उम्मीद है।

700 मीटर बाउंड्रीवॉल के बाद भी खुला है परिसर

मंडी परिसर में 700 मीटर बाउंड्रीवॉल बनाई जानी थी। मंडी सचिव के अनुसार 700 मीटर बाउंड्रीवॉल बनाई जा चुकी है और अब तारों की फेंसिंग की जानी है। उल्लेखनीय है कि अभी भी शेड क्रमांक-5 के बगल से बने हुए बेयर हाउस के पीछे से लेकर अधूरी बनी बाउंड्रीवॉल तक आधा किमी की जगह खुली हैञ जहां से आसानी से चोर उपज को लेकर गायब हो सकते हैं। पत्रिका टीम जब मौके पर पहुंची तो बाउंड्रीवाल, फेंसिंंग या पुरानी बाउंड्रीवाल सहित सभी कार्य लम्बित थे।

कुसमेली मंडी में खुले परिसर में दरार

मंडी परिसर भी कई जगह ढलान नुमा है। जहां शेड क्रमांक एक एवं चार के बीच कई जगह दरार है। इनमें छड़ें भी निकली हुई है, जिस पर चलना ही मुश्किल है। ढेर करने के बाद किसानों को अपनी उपज निकालने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। वहीं शेड क्रमांक एक के सामने भी काफी गड्ढे बने हुए हैं। मंडी सचिव सुरेश कुमार परते ने बताया कि दरारों के मरम्मत के लिए मंडी बोर्ड तक कार्ययोजना भेजी जा चुकी है, अभी अनुमति नहीं मिली है। वहीं मंडी में व्यापारियों के उपज के उठाव को लेकर मंडी सचिव ने फिर यही कहा कि शेड में स्टॉक की हुई उपज की गणना की जा रही है। नोटिस भेजा जाएगा।