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अगर आपका भी ‘बिजली बिल’ आया है बहुत ज्यादा, तो ये हो सकता है कारण

- पिछले वर्ष का बकाया भुला चुके उपभोक्ता सुना रहे खरी खोटी

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छिंदवाड़ा। समाधान योजना के अंतर्गत जिलेभर के एक लाख 84 हजार उपभोक्ताओं में से 45 हजार ने तो आवेदन देकर मिलने वाली 40 एवं 25 प्रतिशत छूट की स्वीकृति दे दी थी लेकिन शेष उपभोक्ताओं के बिलों में भी अब गत वर्ष के बिल जुड़कर आने लगे हैं। इससे अपना पिछला बकाया भुला चुके उपभोक्ता बिजली कम्पनी को ही खरी खोटी सुना रहे हैं।

दरअसल, बिजली कम्पनी द्वारा 31 अगस्त 2020 के पहले फ्रीज हो चुके बिलों के समाधान के लिए समाधान योजना शुरू की गई थी। इसकी समय सीमा 15 दिसम्बर तक थी। 24 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक करीब 45 हजार उपभोक्ताओं ने आवेदन भरे। इनके बिलों में छूट के साथ बकाया भी जुड़कर आने लगा, लेकिन अन्य उपभोक्ताओं के बिलों में भी पिछला बकाया जुड़ गया। जबकि समाधान योजना की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। इसे देखकर उनमें खलबली मच गई कि बिना रीडिंग बढ़े ही इतना बिल कैसे आ रहा है।

सीसीबी एडजस्टमेंट लिखे होने से पहचान

उपभोक्ताओं के बिलों में दिसम्बर माह के बिल के साथ पिछला बकाया लिखकर आ रहा है। इसे देखकर उपभोक्ता समझ नहीं पा रहे कि कम खपत और पिछले नवंबर माह का बिल चुकाने के बावजूद झिल बढ़ा हुआ क्यों आ रहा है। इस सम्बंध में बिजली कम्पनी के जेई जितेंद्र कड़वे ने बताया कि पिछले वर्ष के बकाया के सामने सीसीबी लिखा हुआ दिखने पर उपभोक्ताओं को उनके पिछले वर्ष के बकाया की जानकारी मिल जाएगी। हालांकि उन्होंने बताया कि समाधान योजना के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं को नोटिस भी भेजा गया है।

खुशियाल शिववंशी, शहर सम्भाग कार्यपालन अभियंता का कहना है कि बिलों में बकाया जुड़कर आने के बावजूद उपभोक्ता छूट के लिए आवेदन करने के बाद तत्काल भुगतान भी कर सकते हैं। 31 जनवरी तक सामाधान योजना बढ़ाए जाने के कारण उन्हें उसका लाभ मिलेगा।

मैसेज से हो रहा है पारा हाई

गौरतलब है कि बिलों के वितरण के पूर्व ही बिजली कम्पनी उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बरों पर बिल में पिछला बकाया जोड़कर भेज रही है। उपभोक्ताओं को जानकारी नहीं होने से उनका पारा हाई हो रहा है। बिजली कम्पनी के अधिकारियों ने बताया कि 31 जनवरी तक समाधान योजना बढ़ाने के आदेश बाद में आए तब तक कुछ बिल जारी हो चुके थे, लेकिन आदेश के जारी होने के बाद बचे हुए बिलों में नहीं जोड़ा गया।