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यूरिया न होने पर मार्कफेड वितरण केन्द्र में ताला, 22 जुलाई तक किसानों को नहीं मिलेगा टोकन

-मार्कफेड कार्यालय से किसान लौटने पर मजबूर, अगले बुधवार को मिलेगी खाद

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खुले मौसम में मक्का में डालने जरूरी यूरिया न होने पर मार्कफेड वितरण केन्द्र में ताला लगा दिया गया। इससे किसान मार्कफेड ऑफिस से बैरंग लौटने पर मजबूर है। इस वितरण केन्द्र की सूचना के अनुसार आगामी 22 जुलाई तक किसानों को खाद का टोकन नहीं मिलेगा। अगले टोकन का वितरण 23 जुलाई बुधवार को किया जाएगा।


इस वितरण केन्द्र के कर्मचारियों के अनुसार अभी तक नगद 266 रुपए में किसानों को करीब 12 हजार मीट्रिक टन यूरिया समेत अन्य खाद का वितरण किया चुका है। मार्कफेड गोदाम में यूरिया खत्म हो जाने पर वितरण केन्द्र पर ताला लगा दिया गया। इस गोदाम में बीते दिनों किसानों की कतार लगी रही। कुछ किसानों ने खाद न मिलने पर हंगामा मचाया था। जिस पर उन्हें यूरिया उपलब्ध कराई गई। इस वितरण केन्द्र में यूरिया न होने पर भी किसानों का आवागमन लगा हुआ है। ये किसान लगातार यूरिया की मांग कर रहे हैं। फिलहाल पूरे जिले में कहीं भी यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

ग्राम घाट पिपरिया से आए किसान चैतू सिंह और रविदास का कहना पड़ा कि इस समय मक्का में यूरिया की सख्त जरूरत है। उस पर यूरिया उन्हें नहीं मिल रही है। इस पर मार्कफेड के गोदाम में ताला लगाकर वितरण बंद कर दिया गया है।


कुछ किसान जरूरतमंद, कु छ डाल रहे ज्यादा यूरिया


्रइस सहकारी समिति में आ रहे कुछ किसान जरूरतमंद है तो कुछ किसान जरूरत से ज्यादा यूरिया खाद रहे हैं। इससे यूरिया की मांग कम नहीं नहीं हो पा रही है। जानकारी के अनुसार एक हैक्टेयर में यूरिया का अधिकतम छिडक़ाव 2 से 3 बोरी होना चाहिए। जबकि कुछ किसान यूरिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने 6-7 बोरी यूरिया डालना शुरू कर दिया है। इससे यूरिया की मांग और आपूर्ति बिगड़ रही है।


मार्कफेड में दो ट्रक खाद भरे नजर आए


मार्कफेड वितरण केन्द्र में जहां गोदाम में ताला दिखाई दिया वहीं दो ट्रक यूरिया से भरे दिखाए दिए। कर्मचारियों का कहना है कि ये यूरिया एक दिन पहले आई रेलवे रैक से उपलब्ध हुई है। करीब 171 टन यूरिया है। अभी यह वितरण केन्द्र की मशीन पर नहीं चढ़ा है। आगामी दिनों में अवकाश होने पर ये यूरिया सोमवार को मशीन पर दिखेगा। बुधवार से किसानों को उपलब्ध होगा।


अमरवाड़ा और चौरई में आ रही हर दिन समस्या


अमरवाड़ा और चौरई दोनों स्थान ऐसे है, जहां यूरिया की कमी बनी हुई है। अमरवाड़ा का कारण यहां सोसाइटी की संख्या केवल 7 है। जिस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया है। चौरई में सोसाइटी 8 है। कुण्डा और चांद में अलग-अलग 5 एवं 6 सोसाइटी है। इस वजह से यहां किसान की भीड़ खत्म नहीं हो पा रही है। हर दिन कुछ न कुछ समस्याएं वितरण में मौजूद है। सहकारिता विभाग के अनुसार कृषि विभाग के रिकार्ड में खाद रहती है, पर सोसाइटी में उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया है।

इनका कहना है…


यूरिया की मांग पर उपलब्धता बनाए रखने प्रशासन प्रयाासरत है। जल्द ही छिंदवाड़ा जिले को तीन रेलवे रैक से यूरिया उपलब्ध हो जाएगा। जिससे वितरण शुरू होगा।
-जितेन्द्र कुमार सिंह, उपसंचालक कृषि।

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