
Meeting of District Panchayat
छिंदवाड़ा.भावान्तर योजना के तहत आठ हजार नए पंजीयत किसानों को भावान्तर मूल्य नहीं मिल पाया है। उन्होंने भी कृषि मण्डी में पहुंचकर मक्का बेचा था। उनका भुगतान न होने से उनके गांव में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। यह मामला बुधवार को हुई जिला पंचायत की सामान्य सभा में उपाध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी ने उठाया। उन्होंने कृषि अधिकारियों से इसका जवाब मांगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष कांता ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपाध्यक्ष ने कहा कि भावान्तर योजना से वंचित किसानों के मामले को संज्ञान लेकर तत्काल भुगतान कराया जाना चाहिए। कृषि अधिकारियों ने इस पर १२ मार्च तक का समय मांगा और कहा कि इसकी जानकारी भोपाल भेजी गई है। उन्होंने यह भी शिकायत की कि किसान अनुदान में लगाए जा रहे बिजली ट्रांसफार्मर में घटिया निर्माण सामग्री लगाई जा रही है। इसी तरह स्पिंकलर खरीदी में किसानों को महंगी दर पर सामग्री बेची जा रही है। इसी तरह १४ साल के बच्चों के बाल उपचार योजना के अंतर्गत हृदय के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से इसका जवाब मांगा। सदस्यों ने भी अपने क्षेत्र की समस्याएं रखी।
सामान्य सभा में ये भी खास
1. सदस्य गुरुचरन खरे ने कहा कि सांगाखेड़ा के पास ग्राम गंगावानी में छह माह से बिजली बंद है। शिकायत पर भी बिजली कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस पर हंगामा होने पर सीईओ ने बिजली अधिकारियों को ध्यान देने के निर्देश दिए। इसी तरह खरे ने जिला अस्पताल की एक गायनिक चिकित्सक पर महिला का ऑपरेशन न करने तथा पीडब्ल्यूडी के रिपेरिंग कार्य में गड़बड़ी का आरोप लगाया।
2.सांसद प्रतिनिधि सैय्यद जाफर ने आरोप लगाया कि परासिया विकासखण्ड के हर्राडोल निवासी संतोष यदुवंशी को बिजली का उपयोग न करने पर भी मनमाना बिल थमा दिया गया। उन्होंने जुन्नारदेव विकासखण्ड के ग्राम उमरिया फदाली निवासी रमेश साहू के बीपीएल में अपात्र होने पर भी नाम न काटने की शिकायत की।
विधायक निधि के आवंटन में लेटलतीफी
जिला पंचायत की संचार सकर्म समिति की बैठक सभापति मदन साहू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सदस्यों ने आरोप लगाया कि विधायक-सांसद निधि के काम समय पर पंचायतों में नहीं हो पा रहे हैं। इसका कारण जिला योजना विभाग से समय पर बजट का आवंटन न होना है। सभापति साहू ने बताया कि मोहखेड़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत कामठी में विधायक नानाभाऊ मोहोड़ ने पांच लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इसकी केवल ६० हजार रुपए की राशि दी गई है। जबकि शेष राशि कर्मचारियों के कारण लटक रही है। इसी तरह के अन्य उदाहरण मौजूद है। इस पर कार्रवाई की जाना चाहिए।
Published on:
01 Mar 2018 06:00 am
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