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नए वर्ष पर अतिथि विद्वान प्रसूताओं को विभाग ने क्या दिया उपहार, पढ़ें पूरी खबर

महाविद्यालयों में पदस्थ महिला अतिथि विद्वान भी अब अवैतनिक प्रसूति अवकाश की हकदार होंगी।

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नए वर्ष पर अतिथि विद्वान प्रसूताओं को विभाग ने क्या दिया उपहार, पढ़ें पूरी खबर


छिंदवाड़ा. शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ महिला अतिथि विद्वान भी अब अवैतनिक प्रसूति अवकाश की हकदार होंगी। वह भी कॉलेज में शासकीय महिला प्राध्यापकों की तरह ही गर्भवस्था के दौरान या फिर बाद में छुट्टी ले सकेंगी।। हालांकि उन्हें छुट्टी के दौरान वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था वर्तमान सत्र 2018-19 से प्रभावशील होगी। गौरतलब है कि अब तक शासकीय कॉलेज में महिला अतिथि विद्वानों के लिए गर्भवस्था के दौरान छुट्टी लेने का प्रावधान नहीं था। ऐसे में उन्हें गर्भावस्था के दौरान अपनी नौकरी गंवानी पड़ती थी। हालांकि अब शासन के इस पहल से महिला अतिथि विद्वानों के चेहरे खुशी से खिल गए हैं। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने सभी शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों को आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि शासकीय कॉलेजों में अब तक अतिथि विद्वान योजना अंतर्गत महिला अतिथि विद्वानों को प्रसूति अवकाश का प्रावधान नहीं था। अब प्रसूति के कारणों से अवकाश पर रहने वाली महिला अतिथि विद्वानों को प्राचार्य द्वारा अवैतनिक अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। किसी अन्य अतिथि विद्वान को नहीं किया जाएगा अवर सचिव ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि प्रसूति अवकाश की अवधि में अतिथि विद्वान के विरूद्ध अन्य किसी अतिथि विद्वान को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। अवैतनिक अवकाश स्वीकृति के समय सामान्य प्रशासन विभाग के सामान्य निर्देश का पालन किया जाएगा वहीं अवकाश की अवधि में लाभ लेने के उपरांत महिला अतिथि विद्वान द्वारा आमंत्रण की शेष अवधि में आमंत्रण कार्य पूर्ण कराया जाएगा।

छुट्टी को लेकर संशय
उच्च शिक्षा विभाग ने भले ही अतिथि विद्वान प्रसूताओं को प्रसूति अवकाश देने का निर्णय लेते हुए आदेश जारी किया है, लेकिन आदेश में छुट्टी को लेकर समय का निर्धारण स्पष्ट नहीं किया गया है। अभी शासकीय महिला कर्मचारियों को छह माह का अवकाश मिल रहा है।

छुट्टी का नहीं मिलेगा वेतन
पीजी कॉलेज प्राचार्य डॉ. यूके जैन का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग ने महिला अतिथि विद्वानों को अवैतनिक प्रसूति अवकाश देने का निर्णय लिया है। छुट्टी के दौरान उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा। उनकी जगह पर किसी अन्य अतिथि विद्वान को आमंत्रित भी नहीं किया जाएगा। छुट्टी कितने दिन तक मान्य रहेगी इस बिन्दु पर स्पष्ट निर्देश नहीं हैं।