
Mp News: मध्यप्रदेश में इन दिनों नए जिलों और संभाग के गठन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। छिंदवाड़ा जिले से पांढुर्ना को अलग कर नया जिला बनाए जाने के बाद छिंदवाड़ा को संभाग बनाए जाने की मांग और तेज हो गई है। लोकसभा चुनावों में छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ की हार और कमल खिलने के बाद जनता को उम्मीद है कि अगर सांसद बंटी साहू और जिले के विधायक लगातार सीएम मोहन यादव के सामने इसकी मांग करें तो वो पूरी हो सकती है। आस तो ये भी है कि नए साल में छिंदवाड़ा को संभाग बना दिया जाए और अगर ऐसा होता है तो मध्यप्रदेश में संभागों की संख्या 11 हो जाएगी।
बता दें कि साल 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की घोषणा कर दी थी। लेकिन बाद में सिवनी, बालाघाट की आपत्तियों के चलते छिंदवाड़ा को संभाग का दर्जा नहीं मिल सका। साल 2019 में जब प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी तो छिंदवाड़ा को संभाग का दर्जा दिए जाने प्रयासरत रही लेकिन साल 2020 में सरकार गिर जाने से फिर छिंदवाड़ा संभाग नहीं बन पाया। इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा को करीब 27 साल बाद छिंदवाड़ा सीट पर जीत मिली है इससे मोहन यादव सरकार छिंदवाड़ा पर मेहरबान हैं। ऐसे में जनता को उम्मीद है कि सांसद बंटी साहू निरंतर सीएम से बातचीत कर इस मांग को पूरा करा सकते हैं।
यदि संभाग की दृष्टि से देखा जाए तो शहडोल व नर्मदापुरम की ही तरह छिंदवाड़ा को भी संभाग बनाया जा सकता है। छिंदवाड़ा में नगर निगम, डीआईजी व सीसीएफ ऑफिस है। इसके अलावा नवगठित पांढुर्ना जिला है। इसके पास केवल दो ब्लॉक सौंसर व पांढुर्ना है। छिंदवाड़ा के पास 9 ब्लॉक हैं। इससे अगर कोयलांचल के परासिया व जुन्नारदेव को संयुक्त जिला बना दिया जाए तो भी सात ब्लॉक शेष रहेंगे। फिर छिंदवाड़ा, पांढुर्ना और कोयलांचल को मिलाकर संभाग बनाया जा सकता है।
Updated on:
21 Nov 2024 10:27 pm
Published on:
15 Nov 2024 09:37 pm
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