रविवार को यहां प्रवचन देते हुए उन्होंने कहा कि हमें भ्रम में जी रहे हैं। पर के लिए हमें सुख समेटते हैं, संपत्ति जोड़ते हैं। यह अज्ञानता है। उन्होंने कहा कि पर के लिए चिंता नहीं करना चाहिए। जीव भ्रम में घूम रहे हैं और अपने खोटे परिणामों के कारण धर्म को खो रहे हैं। दूसरो ंके लिए हम व्यर्थ जोड़ते रहते हैं।