यह है नियम
नियमानुसार सडक़ को वैसा ही किया जाना था, जैसी वह खोदने के पहले थी। लेकिन, वैसी सडक़ सभी जगह नहीं बनी। बल्कि कई जगह उससे अधिक खराब हो गई। यहां से वाहन ही नहीं पैदल गुजरना भी खतरनाक है। नागपुर रोड बोदरी नदी पुल से लेकर ईएलसी चौक तक, भरतादेव रोड, नगर निगम के सामने, कलेक्टर निवास से लेकर कलेक्ट्रेट तिराहे तक, उत्कृष्ट विद्यालय के सामने की सडक़ खुदाई के बाद पहले से भी बेहतर बना दी गई, क्योंकि इन रास्तों से हर दिन प्रशासन के अधिकारियों की आवाजाही होती है। यानी इनकी नजर में अपनी छवि कायम रखने के लिए कम्पनी ने कोई कोताही नहीं बरती। लेकिन ऐसा करके कम्पनी ने इन अधिकारियों गुमराह करने का काम किया है।क्या है हकीकत
रामबाग, लालबाग, शारदा चौक, छापाखाना, राजपाल चौक, बजरंग नगर, संचार कालोनी, शंकर नगर, पुराना लोनिया, महावीर कॉलोनी में कई स्थानों पर रेस्टोरेशन के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है।सडक़ निर्माण करने के प्रस्ताव पर काम किया जाएगा
काम में अनियमितता जैसी कोई बात नहीं है। सभी स्थानों पर रेस्टोरेशन के लिए एक जैसी प्रक्रिया अपनाई गई है। डामर सडक़ पर डामर अपनी पकड़ मजबूत बना लेता है, लेकिन सीसी सडक़ पर न तो डामर फिट बैठता है और न ही सीमेंट काम आता है। हालांकि परियोजना का काम पूरा होने के बाद नए सिरे से सडक़ निर्माण करने के प्रस्ताव पर काम किया जाएगा।ईश्वर सिंह चंदेली, कार्यपालन यंत्री निगम