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आग से सुरक्षा का नहीं मिला प्रमाण…जिम्मेदार नहीं दिखा रहे गंभीरता, जानें वजह

- खामियों में किया गया सुधार और दोबारा भेजे गए दस्तावेज

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आग से सुरक्षा का नहीं मिला प्रमाण...जिम्मेदार नहीं दिखा रहे गंभीरता, जानें वजह

आग से सुरक्षा का नहीं मिला प्रमाण...जिम्मेदार नहीं दिखा रहे गंभीरता, जानें वजह

छिंदवाड़ा/ छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से सम्बद्ध जिला अस्पताल को अब तक नगरीय प्रशासन विभाग से फायर सेफ्टी ऑडिट का प्रमाण-पत्र नहीं मिल सका हैं। विभाग द्वारा दोबारा आवश्यक दस्तावेज और पहली बार में हुए निरीक्षण में सामने आई कमियों का सुधार करने के बावजूद प्रकरण लंबित है। बता दें कि 20 दिसम्बर 2020 को फायर सेफ्टी ऑडिट विभाग के निर्देश पर इंदौर से अधिकारी जिला अस्पताल की जांच करने पहुंचे थे।

इस दौरान निरीक्षण में कुछ फायर इक्यूपमेंट एक्सपायरी डेट के मिले, पानी पाइप लाइन से लीकेज, फायर अलार्म सेंसर बंद होना समेत अधूरे दस्तावेज मिलने से प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो सका था तथा सुधार कार्य कर सूचना दिए जाने का मौका दिया गया था।

बताया जाता है कि आग से सुरक्षा के लिए जिला अस्पताल की नवीन बिल्डिंग में पाइप लाइन का जाल बिछाया गया हैं तथा आग लगने पर स्वत: अलार्म अलर्ट और आग बुझाने के लिए पानी चालू करने के सेंसर भी लगाए गए हैं। बिल्डिंग में लगाए गए फायर सिस्टम शासन के द्वारा निर्धारित मानकों के तहत है या नहीं, जिसका ऑडिट करने के उपरांत सब कुछ ठीक होने के बाद सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य होता हैं।


बार-बार बजे रहे फायर अलार्म -


अस्पताल में लगे फायर अलार्म बार-बार बिना वजह के बजने लगते है, जिसकी वजह से लोगों में भय का माहौल निर्मित होता है। इसकी सूचना जिम्मेदार अधिकारियों को होने पर भी स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। हालांकि कुछ शरारती तत्वों द्वारा भी परेशान किया जाने की अशंका जताई गई हैं।


दोबारा भेजे गए हैं दस्तावेज -


जिला अस्पताल के फायर सेफ्टी ऑडिट के लिए सम्बंधित विभाग को दोबारा मांगे गए आवश्यक दस्तावेज भेजे गए हैं। फायर सेफ्टी विभाग द्वारा दूसरी बार जांच कराई जा सकती है, जिसके बाद सर्टिफिकेट जारी होगा।


- डॉ. पी. कौर गोगिया, सिविल सर्जन