डिजिटल प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए मूल जाति प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं, पढ़ें पूरी खबर
शासन ने मूल जाति प्रमाण पत्र के स्थान पर स्व प्रमाणित छायाप्रति संलग्न करने की सुविधा दी
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छिंदवाड़ा/ राज्य शासन ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विमुक्त घुमक्कड़, अद्र्ध घुमक्कड़ जाति के व्यक्तियों को डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र पाने के लिए बड़ी सुविधा दी है।
डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया है कि डिजिटल प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए मूल जाति प्रमाण पत्र संलग्न करने के स्थान पर मूल जाति प्रमाण पत्र की स्व.प्रमाणित छायाप्रति संलग्न करना पर्याप्त रहेगा। इस संबंध में लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 द्वारा अधिसूचित सेवा क्रमांक-6.5 में हस्तलिखित (मैन्युअल) जाति प्रमाण पत्र की डिजिटल प्रति प्रदान करने की सेवा प्रदाय करने के लिए े परिपत्र की कंडिका-9 (1) एक के स्थान पर कंडिका-1 में ‘आवेदक के पक्ष में जारी हस्तलिखित (मैन्युअल) जाति प्रमाण पत्र की स्व.प्रमाणित छायाप्रति’ स्थापित किया गया है। इस सेवा के अंतर्गत तीन दिनों की समय सीमा निर्धारित की गई है। राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा ने जिले के सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
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