रेलवे स्थानीय आवश्यकता पर नहीं दे रही ध्यान
रेलवे मार्च 2020 से पहले तक स्थानीय वासियों के समस्याओं को ध्यान में रखकर ही ट्रेन का परिचालन करती थी, लेकिन लगभग एक साल से रेलवे छिंदवाड़ा को लेकर मनमाने फैसल ले रही है। पांच साल पहले जब छिंदवाड़ा से नागपुर तक बड़ी रेल लाइन के लिए छोटी लाइन बंद की गई थी तो लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें लंबे इंतजार के बाद उनकी सुविधाओं के अनुसार ही ट्रेन की सौगात मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। 22 फरवरी 2021 को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने छिंदवाड़ा से इतवारी एवं इतवारी से छिंदवाड़ा तक 8 बोगी की पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरु कर दिया, लेकिन इस ट्रेन के परिचालन की समय-सारणी स्थानीय दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। इस बात की जानकारी भी रेलवे अधिकारियों को है, लेकिन अब तक ट्रेन के समय-सारणी में बदलाव नहीं किया गया। बड़ी बात यह है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारी छिंदवाड़ा से इतवारी एवं इतवारी से छिंदवाड़ा तक चल रही ट्रेन को घाटे का सौदा बता रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि अगर पैसेंजर ट्रेन का परिचालन छिंदवाड़ा से सुबह एवं इतवारी से शाम को हो तो फिर इस टे्रन में पैर रखने की भी जगह नहीं बचेगी। वहीं दूसरी तरफ आमला से छिंदवाड़ा तक मेमू ट्रेन का परिचालन भी अगर सोच समझकर किया जाए तो रेलवे एवं यात्री दोनों को ही फायदा होगा।
रेलवे मार्च 2020 से पहले तक स्थानीय वासियों के समस्याओं को ध्यान में रखकर ही ट्रेन का परिचालन करती थी, लेकिन लगभग एक साल से रेलवे छिंदवाड़ा को लेकर मनमाने फैसल ले रही है। पांच साल पहले जब छिंदवाड़ा से नागपुर तक बड़ी रेल लाइन के लिए छोटी लाइन बंद की गई थी तो लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें लंबे इंतजार के बाद उनकी सुविधाओं के अनुसार ही ट्रेन की सौगात मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। 22 फरवरी 2021 को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने छिंदवाड़ा से इतवारी एवं इतवारी से छिंदवाड़ा तक 8 बोगी की पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरु कर दिया, लेकिन इस ट्रेन के परिचालन की समय-सारणी स्थानीय दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। इस बात की जानकारी भी रेलवे अधिकारियों को है, लेकिन अब तक ट्रेन के समय-सारणी में बदलाव नहीं किया गया। बड़ी बात यह है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारी छिंदवाड़ा से इतवारी एवं इतवारी से छिंदवाड़ा तक चल रही ट्रेन को घाटे का सौदा बता रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि अगर पैसेंजर ट्रेन का परिचालन छिंदवाड़ा से सुबह एवं इतवारी से शाम को हो तो फिर इस टे्रन में पैर रखने की भी जगह नहीं बचेगी। वहीं दूसरी तरफ आमला से छिंदवाड़ा तक मेमू ट्रेन का परिचालन भी अगर सोच समझकर किया जाए तो रेलवे एवं यात्री दोनों को ही फायदा होगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस है मेमू ट्रेन
छिंदवाड़ा से आमला एवं आमला से छिंदवाड़ा तक चल रही 8 बोगी की मेमू ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस ट्रेन में 800 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। इसके अलावा यात्री एक बोगी में चढऩे के बाद अंदर ही अंदर आठवें बोगी तक पहुंच सकता है। हर एक बोगी में डिस्प्ले बोर्ड लगा हुआ है जिसमें ट्रेन के चलने के समय यात्रियों को आने वाले हर एक स्टेशन की जानकारी मिलती है। बड़ी बात यह है कि हर एक बोगी में माइक्रो फोन एवं सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है और इसकी स्क्रीन लोको पायलट सीट के बगल में होती है जिससे लोगों पायलट हमेशा निगरानी कर सकता है। माइक्रो फोन की सहायता से बोगी में बैठा यात्री इमरलेंसी में लोको पायलट से संपर्क कर सकता है। मेमू ट्रेन में दोनों तरफ इंजन लगा होता है। इससे इसको आगे पीछे करने की भी जरूरत नहीं होती है। इन सब खासियतों की वजह से अब मेमू ट्रेनों की डिमांड बढऩे लगी है।
छिंदवाड़ा से आमला एवं आमला से छिंदवाड़ा तक चल रही 8 बोगी की मेमू ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस ट्रेन में 800 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। इसके अलावा यात्री एक बोगी में चढऩे के बाद अंदर ही अंदर आठवें बोगी तक पहुंच सकता है। हर एक बोगी में डिस्प्ले बोर्ड लगा हुआ है जिसमें ट्रेन के चलने के समय यात्रियों को आने वाले हर एक स्टेशन की जानकारी मिलती है। बड़ी बात यह है कि हर एक बोगी में माइक्रो फोन एवं सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है और इसकी स्क्रीन लोको पायलट सीट के बगल में होती है जिससे लोगों पायलट हमेशा निगरानी कर सकता है। माइक्रो फोन की सहायता से बोगी में बैठा यात्री इमरलेंसी में लोको पायलट से संपर्क कर सकता है। मेमू ट्रेन में दोनों तरफ इंजन लगा होता है। इससे इसको आगे पीछे करने की भी जरूरत नहीं होती है। इन सब खासियतों की वजह से अब मेमू ट्रेनों की डिमांड बढऩे लगी है।
इनका कहना है…
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने मेमू ट्रेन को छिंदवाड़ा तक ही चलाने की अनुमति दी है। अगर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे चाहेगा तो वह प्रस्ताव भेज सकता है। इसके बाद उच्च अधिकारी फैसला लेंगे।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने मेमू ट्रेन को छिंदवाड़ा तक ही चलाने की अनुमति दी है। अगर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे चाहेगा तो वह प्रस्ताव भेज सकता है। इसके बाद उच्च अधिकारी फैसला लेंगे।
के. पाटिल, सीनियर डीसीएम, मध्य रेलवे, नागपुर मंडल