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जलाशय लबालब, देखने पहुंच रहे लोग

मोही - 100 प्रतिशत , रिंगनखापा - 100 प्रतिशत, गुजरखेड़ी - 100 प्रतिशत , उत्तमडेरा - 100 प्रतिशत , भाजीपानी - 100 प्रतिशत ,हिवरासेनडवार - 100 प्रतिशत भरा है। इसके अलावा मांडवी जलाशय 90 प्रतिशत भर गया है 

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Arun Garhewal

Aug 19, 2016

chhindwara

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पांढुर्ना (छिंदवाड़ा). अच्छी बारिश के बावजुद विकासखंड के अधिकांश जलाशय अभी भी नहीं भरे हैं। केवल 6 जलाशयों में 100 प्रतिशत पानी वहीं एक जलाशय में 90 प्रतिशत पानी भरा है। दो जलाशय ऐसे है जिसमें केवल 7 प्रतिशत ही पानी भर पाया है। शेष जलाशयों में पानी 25 से 60 प्रतिशत ही भरा है।
जिन जलाशयों में जलभराव कम है। उन जलाशयों को लेकर किसानों में निराशा छायी हुई है। बारिश के पानी से जलाशय भरने के बाद ही किसान रबि की फसल को लेकर योजनाएं बनाते हैं। परंतु औसत जलभराव के कारण किसान फसल को लेकर आशंकित है।

इन जलाशयों में लबालब पानी
मोही - 100 प्रतिशत , रिंगनखापा - 100 प्रतिशत, गुजरखेड़ी - 100 प्रतिशत , उत्तमडेरा - 100 प्रतिशत , भाजीपानी - 100 प्रतिशत ,हिवरासेनडवार - 100 प्रतिशत भरा है। इसके अलावा मांडवी जलाशय 90 प्रतिशत भर गया है जो आने वाले दिनों में पूरा भर जाएगा।

इन जलाशयों में औसत जलभराव
जूनेवानी जलाशय में 71, टेमनीशाहनी में 70 , चांगोबा में 88, राजडोंगरी में 58, सिवनी में 50, ढोलनखापा में 43 , घुडऩखापा में 40 प्रतिशत में औसत पानी भरा हुआ है। इन जलाशयों पर निर्भर किसानों को आने वाली बारिश से आस है की बारिश से जलाशय पुरी तरह से भर जाएगा।

मोहखेड़ी और भंदारगोंदी में 7 प्रतिशत पानी
मोहखेड़ी और भंदारगोंदी जलाशयों में केवल 7 प्रतिशत पानी भरा हुआ है। तकनिकी कारणों से इन जलाशयों में पानी नहीं भर पा रहा है। भंदारगोंदी जलाशय तो वर्षों से अपने मरम्मत की राह देख रहा है। इस जलाशय से ना तो किसानों को लाभ मिल रहा है और ना ही क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर बढ़ाने में जलाशय का कोई सहयोग मिल रहा है। इसी प्रकार से बिछुआ 25 प्रतिशत, मोरडोंगरी 30 प्रतिशत, खैरीपेका 23 प्रतिशत, जाटलापुर 13 प्रतिशत तक ही भरा है।

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