
छिंदवाड़ा शहर में अब तक 64 हजार स्मार्ट मीटरों ने डिजिटल मीटरों की जगह ले ली है। इन मीटरों के लगने के बाद शहर के कुछ उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर को एक जंजाल बताया, किसी ने तेज चलने वाला मीटर कहा, तो किसी ने अपने आप ही कनेक्शन काट देने वाला बताया। वहीं बिजली कंपनी के अधिकारियों ने स्मार्ट मीटर को कंपनी के साथ-साथ उपभोक्ताओं के फायदे का सौदा बताया।
उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा निगम अंतर्गत टीसी एवं पंप कनेक्शनों को छोडकऱ सभी वार्डों में दिसंबर 2025 तक स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे। नगर निगम क्षेत्र में अब भी करीब आठ हजार स्मार्ट मीटर और लगाए जाने हैं।
कंपनी अधिकारियों ने कहा कि पूर्व में मीटर के खराब होने का पता तब चलता था, जब कोई घर पहुंचकर जांच करने जाए या रीडिंग लेने पहुंचे। अब जैसे ही मीटर खराब होगा तत्काल रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा। इसके अलावा मीटर जंप करने की शिकायत की जांच भी स्मार्ट मीटर कर सकेगा। घर के लोड, वोल्टेज, मीटर रीडिंग की जानकारी उपभोक्ता को उसके मोबाइल पर भी मिल जाएगी। साथ ही कंपनी भी कंट्रोल रूम में देख सकती है।
वार्ड क्रमांक 31 बड़ा इमामवाड़ा के जाकिर परवेज ने बताया कि दिसंबर में मीटर लगा। जनवरी में 16-17 रुपए बिल आया, तो हमें स्मार्ट मीटर ठीक लगा। बाद में मार्च में अचानक 15 हजार रुपए का मैसेज आ गया। पता करने गए तो जानकारी लगी कि मीटर लगाया पर जनरेट ही नहीं किया। अब शिकायत करने बिजली कार्यालय जाएंगे।
जितना बिल नहीं आता उससे अधिक जुड़वाई लग रही है। ड्यू डेट समाप्त हुई नहीं कि कनेक्शन जबलपुर से ऑनलाइन कट जा रहे हैं। 340 रुपए अतिरिक्त देने पर ही कनेक्शन जुड़ेगा। यह एक नई समस्या है। कंपनी को ज्यादा फायदा पहुंचाने के लिए यह मीटर लगाए गए हैं। उपभोक्ता को अब बिना मैसेज ही उनके कनेक्शन काट दिए जा रहे हैं।
मुकेश कुमार उपाध्याय, अध्यक्ष जिला कांग्रेस बिजली समस्या निवारण प्रकोष्ठ
Published on:
16 Apr 2025 11:02 am
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