
शहर के नाट्यकर्मी पिछले दो दशक से छिंदवाड़ा में ऑडोटोरियम भवन बनने की राह तक रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा की भी पूरी नहीं हो सकी। नाट्य कर्मियों को अपने नाटक/वर्कशॉप किराए के भवन पर करनी पड़ रही है। नाट्य रंगकर्मियों का दल सांसद और निगम आयुक्त से भी मिल चुका है। सरकारी उदासीनता से उनकी आस पूरी नहीं हो पा रही है।
निगम के रिकार्ड बताते है कि तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव २०२३ से पहले 24 अगस्त को छिंदवाड़ा प्रवास के दौरान जन सभा में छिंदवाड़ा नगर में ११.५० करोड़ रुपए की लागत से एक ऑडिटोरियम की घोषणा की थी। पहले यह भवन ईएलसी तिराहा पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस (निगम योजना कार्यालय) में प्रस्तावित था। इस जमीन को लेने में तकनीकी अड़चनें आने से यह मामला कई माह तक फंसा रहा। निगम दूसरे इलाकों में जगह तलाश नहीं कर पाया।
डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में नई सरकार आई। उसने गीता भवन का प्रस्ताव पूरे प्रदेश के नगरीय निकायों से मांगा। निगम अधिकारियों ने ये प्रस्ताव भेज दिया। इस भवन में एक कक्ष रंग कर्मियों को दिया जाना प्रस्तावित है। इस मामले में सरकार ने अभी तक गीता भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं दी है। तब से ये भवन का निर्माण भी लटका हुआ है।
शहर के नाट्य रंग कर्मियों का दल इस मुद्दे को लेकर सांसद और निगम आयुक्त से भेंट की थी। उन्होंने निगम स्तर पर गीता भवन निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताया और उसमें एक कक्ष दिलवाने की बात कहीं थी। तब से रंग कर्मियों को गीता भवन निर्माण का इंतजार हैं।
गीता भवन के लिए जमीन ईएलसी में पुरानी योजना भवन की है। इस पर पीडब्ल्यूडी ने जमीन ट्रांसफर नहीं की है। शासन ने स्वीकृति अपेक्षित है।
गीता भवन में नाट्य कर्मियों को ऑडोटोरियम कक्ष दिया जाना प्रस्तावित है।
-सीपी राय, आयुक्त नगर निगम
Published on:
18 Aug 2025 11:32 am
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