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मंडी में बीता मक्का का दौर, नए गेहूं को मिल रहे समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम

मार्च से अगले सात माह तक रहेगी गेहूं की अपेक्षाकृत अधिक आवक, किसानों को होगा ज्यादा फायदा

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Kusmeli Mandi

इस साल कुसमेली कृषि उपज मंडी में नए गेहूं की आवक जल्दी होने लगी है। इसके साथ ही मक्का की आवक घटने लगी। इस साल नए गेहूं की आवक करीब एक माह पहले ही आने लगी। व्यापारियों का कहना है कि कम बारिश एवं जल्दी बुवाई के कारण इस साल गेहूं पहले आ गया।

उल्लेखनीय है कि कृषि उपज मंडी कुसमेली में विगत 27 फरवरी से मक्का की आवक एवं गेहूं की आवक में अंतर दिखाई देने लगा। 27 फरवरी को मक्का की आवक 4153 क्विंटल रही, वहीं गेहूं की आवक 8087 क्विंटल तक पहुंच गई। 28 फरवरी को भी मक्का की आवक से 2000 क्विंटल गेहूं की आवक अधिक ही रही। खास बात यह है कि गेहूं की शुरुआती आवक में नमी, फूंसी आदि होने के बावजूद सबसे न्यूनतम दाम मंडी में एमएसपी 2600 रुपए प्रति क्विंटल के बराबर ही मिल रहे हैं। जबकि अधिकतम दाम 3500 के आसपास दर्ज किए गए।

नई आवक के साथ बढ़े ही गेहूं के दाम

स्टॉक लिमिट में 31 मार्च तक के नए नियम के बाद माना जा रहा था कि गेहूं के दाम घटेेंगे, लेकिन पिछले सप्ताह के मंडी के आंकड़ों की मानें तो गेहूं के दाम बढ़े ही हैं। 20 फरवरी को गेहूं की न्यूनतम दर 2900 रुपए के आसपास रही। वहीं अधिकतम दाम 3300 रुपए तक रहे। 28 फरवरी को गेहूं के न्यूनतम दाम नमी आदि के कारण नीचे खिसककर 2600 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गए, लेकिन आवक अधिक होने के बावजूद अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं की व्यापारियों में मांग और बढ़ गई। विगत सप्ताहांत मंडी में 3456 रुपए प्रति क्विंटल तक मंडी में गेहूं के दाम रहे।