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छिंदवाड़ा में मिट्टी तेल के ये दाम,एक लीटर भी खरीद नहीं पा रहे गरीब

राशन दुकानों में मांग घटने से आवंटन का उठाव नहीं, तीन डीलरों ने एजेंसी सरेण्डर करने लिखा पत्र

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file photo

छिंदवाड़ा.कभी गरीबों की लालटेन-चिमनी का तेल कहा जानेवाला केरोसिन अब उनकी पहुंच से बाहर हो गया है। लगातार मूल्यवृद्धि से उसके दाम 80 रुपए पहुंच गए हैं। यह डीजल मूल्य से केवल 15 रुपए दूर है। इससे राशन दुकानों में इसका उठाव कम हो गया है। इससे तंग आकर तीन डीलरों ने अपनी एजेंसियां सरेण्डर करने खाद्य आपूर्ति विभाग को पत्र लिख दिया है।
जिले की 868 राशन दुकानों में 3.72 लाख प्राथमिक श्रेणी के परिवारों में हर माह 3 लाख 36 हजार 248 लीटर केरोसिन आता है। ये केरोसिन प्राथमिक श्रेणी परिवारों को एक लीटर दिए जाने का प्रावधान है। पिछले दो माह पहले इस केरोसिन के भाव 103 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए थे। तब से ही गरीब परिवारों ने इसका उठाव बंद कर दिया है। वर्तमान में मूल्य कटौती से इसका भाव 80 रुपए प्रति लीटर है। राशन दुकानदारों की मानें तो गरीब उपभोक्ताओं से इसकी मांग नहीं आने से उन्होंने एजेंसी से इसका उठाव नहीं किया है। पिछला स्टॉक भी पड़ा हुआ है।
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चार साल पहले 22 रुपए लीटर था केरोसिन
राशन दुकानदारों के बिलों को देखा जाए तो पिछले चार साल में गरीबों के इस तेल में महंगाई की आग लगी हुई है। वर्ष 2019 में केरोसिन को 22 से 24 रुपए लीटर तक बेचा जाता था। वर्ष 2021 आते-आते ये केरोसिन 43.57 रुपए से लेकर 45 रुपए लीटर हो गया। वर्ष 2022 में इसके रेट 103 रुपए पहुंच गए। अब 2023 में इसका मूल्य 80 रुपए है। दुकानदारों की मानें तो केरोसिन के दाम हर माह रुपए-पैसे में पेट्रोलियम कंपनियां बढ़ा रही है। इससे गरीब परिवारों को कहीं न कहीं यह मूल्यवृद्धि सहन करनी पड़ रही है।
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गांवों में चिमनी और ईधन में रह गया उपयोग
देखा जाए तो शहर में रसोई गैस और बिजली आ जाने से शहरी गरीबों को मिट्टी तेल की आवश्यकता ज्यादातर नहीं रह गई है। केवल ग्रामीण इलाकों के गरीब रोशनी करने के लिए चिमनी तथा रोटी पकाने के लिए इस तेल का उपयोग करते हैं। जिसकी मात्रा भी हर परिवार को एक या दो लीटर तक सीमित कर दी गई है। उस पर भी इतना महंगा है कि लोग इसका उपयोग करने से परहेज कर रहे हैं।
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तीन एजेंसियों को सरेण्डर करने का आवेदन
खाद्य आपूर्ति विभाग के अनुसार गरीब परिवारों के केरोसिन का उठाव न करने पर सौंसर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना के डीलरों ने एजेंसी सरेण्डर करने का आवेदन कर दिया है। केवल एक एजेंसी वर्तमान में छिंदवाड़ा, चौरई, बिछुआ और मोहखेड़ की राशन दुकानों में केरोसिन दे रही है।
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उज्जवला गैस कनेक्शन से घटाया कोटा
वर्ष 2021 में मिट्टी तेल का कोटा 4.15 लाख लीटर हर माह था। उज्जवला योजना में गरीब परिवारों को दो लाख कनेक्शन देने पर इसका कोटा 3.36 लाख लीटर कर दिया गया है। लगता है वह भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा। फिलहाल मिट्टी तेल की महंगाई गरीब परिवारों पर भारी पड़ रही है।
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इनका कहना है...
जिले में राशन दुकानों में केरोसिन का भाव करीब 80 रुपए लीटर है। कुछ इलाकों में इसका उठाव न होने से तीन डीलरों ने एजेंसी सरेण्डर करने का आवेदन दिया है।
..अंजू मरावी, जिला आपूर्ति अधिकारी।
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