छिंदवाड़ा . राज्य शिक्षा केंद्र ने समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में विद्यालय पत्रिका 'नवांकुर एवं राज्यस्तरीय पत्रिका 'गुल्लक के लिए रचनाएं उपलब्ध न कराने पर जिले सहित प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, प्राचार्य, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक पर नाराजगी जताते हुए पूर्व में भेजे गए निर्देश को लेकर स्मरण पत्र जारी किया है।
संचालक लोकेश कुमार जाटव द्वारा भेजे गए स्मरण पत्र में कहा गया है कि जिले में स्थित समस्त प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में प्रत्येक शनिवार को आयोजित होने वाली बालसभाओं में प्रस्तुत रचनाओं को शाला पत्रिका के रूप में संधारित करने व चयनित रचनाओं को जिला व राज्य को प्रेषित किए जाने के
निर्देश थे।
इसके अनुसार बालसभा में होने वाली विभिन्न साहित्यिक गतिविधियां जैसे कविता, कहानी, निबंध लेखन, पोस्टर आदि के अंतर्गत आयोजित प्रतियोगिताओं को शिक्षकों द्वारा संधारित किया जाना था। यह समस्त सामग्री बच्चों की बाल पत्रिका के रूप में शाला स्तर पर शाला बाल पत्रिका के रूप में पुस्तकालय का हिस्सा बनाया जाना था। लेकिन इस सम्बंध में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
माह की 10 तारीख की गई है निर्धारित
बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई रचनाओं में से चयनित किन्ही तीन श्रेष्ठ रचनाओं को सम्बंधित विकासखंड स्रोत समन्वयक के पास नवम्बर माह में 'मेरा शाला ऐसी होÓ विषय पर रचनाएं 10 दिसम्बर तक एवं दिसम्बर में दिए गए 'मुझे स्कूल अच्छा क्यों लगता हैÓ विषय पर रचनाएं 10 जनवरी तक भेजनी है। यहीं नहीं अगर बच्चा किसी अन्य विषय पर रचना प्रदान करता है तो उसे भी स्वीकार करना था। संचालक के अनुसार अब तक रचनाएं नहीं भेजी गई हैं। उन्होंने इस काम को सर्वोच्च प्राथमिकता से करने के निर्देश देते हुए एक सप्ताह में राज्य शिक्षा केंद्र की मेल आईडी पर रचनाएं भेजने को कहा है।
ऐसे होना है चयन
जिला स्तर द्वारा जिलास्तरीय चयन समिति के माध्यम से प्राप्त रचनाओं में से श्रेष्ठ चार रचनाएं (दो प्राथमिक स्तर व दो माध्यमिक स्तर)चयनित कर राज्य स्तर पर राज्य शिक्षा केंद्र को भेजना है।