27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

योगी के सामने पुलिस का मंथन, अपराधियों की बढ़ी बेचैनी, यूपी पुलिस बनी जनता की ताकत

UP Police Conclave 2025: लखनऊ में आयोजित ‘पुलिस मंथन–2025’ सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस की परिवर्तनकारी यात्रा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस अब अपराधियों के लिए भय और नागरिकों के लिए विश्वास का प्रतीक बन चुकी है। सम्मेलन में स्मार्ट, तकनीक आधारित और नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग पर व्यापक मंथन हुआ।

4 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Dec 27, 2025

योगी आदित्यनाथ बोले- यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय, नागरिकों के लिए विश्वास का प्रतीक बनी (Source: Police Media Cell)

योगी आदित्यनाथ बोले- यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय, नागरिकों के लिए विश्वास का प्रतीक बनी (Source: Police Media Cell)

UP Police Conclave: उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में शनिवार को आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन ‘पुलिस मंथन–2025’ का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश पुलिस के पिछले साढ़े आठ वर्षों के परिवर्तनकारी सफर को रेखांकित करते हुए कहा कि आज यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय और आम नागरिकों के लिए विश्वास, सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक बन चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन में स्मार्ट पुलिसिंग का विजन साझा करते हुए कहा कि वर्ष 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था, पुलिस की छवि, संरचना और कार्यप्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला है। यह परिवर्तन केवल सरकारी दावों तक सीमित नहीं, बल्कि जनता के अनुभवों और विश्वास से प्रमाणित हुआ है।

यूपी पुलिस बनी देश के लिए रोल मॉडल

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की पहचान केवल उसकी आबादी या भौगोलिक विस्तार से नहीं, बल्कि सशक्त कानून-व्यवस्था और प्रभावी पुलिसिंग से बन रही है। एक समय अपराध और अराजकता के लिए चर्चित रहा प्रदेश आज निवेश, विकास और सुरक्षा के लिहाज से देश-दुनिया में उदाहरण बन चुका है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि परिवर्तन की पहचान आत्मप्रशंसा से नहीं, बल्कि नागरिकों के अनुभवों से होती है। आज यूपी पुलिस के प्रति आम जनता का भरोसा बढ़ा है, यही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।”

2017 के बाद पुलिसिंग में ऐतिहासिक सुधार

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में पुलिसिंग के हर स्तर पर ठोस और दूरगामी सुधार किए गए हैं। इनमें

  • पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया
  • व्यापक और आधुनिक प्रशिक्षण व्यवस्था
  • पुलिस अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण
  • तकनीक आधारित पुलिसिंग
  • साइबर सुरक्षा और फॉरेंसिक क्षमता का विस्तार
  • कमिश्नरेट प्रणाली का विस्तार
  • UP-112 आपात सेवा
  • सेफ सिटी मॉडल
  • महिला पुलिस भर्ती में वृद्धि
  • प्रीडिक्टिव और प्रो-एक्टिव पुलिसिंग

मुख्यमंत्री ने बताया कि जहां पहले प्रशिक्षण की क्षमता सीमित थी, वहीं आज प्रदेश में ही 60,000 से अधिक आरक्षियों का आधुनिक प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है।

साइबर थानों और फॉरेंसिक ढांचे का विस्तार

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में-
  • प्रदेश के 75 जनपदों में साइबर थाने
  • 12 फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL)
  • फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी
  • डिजिटल जांच और वैज्ञानिक साक्ष्य आधारित विवेचना

जैसे संस्थागत बदलाव उत्तर प्रदेश को आधुनिक पुलिसिंग की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं।

प्रो-एक्टिव से प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की ओर यूपी

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी पुलिस अब केवल अपराध के बाद कार्रवाई करने वाली संस्था नहीं रही, बल्कि अपराध की पूर्व-पहचान, विश्लेषण और रोकथाम की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह किया कि बेस्ट प्रैक्टिसेस साझा करें,नवाचारों को अपनाएं,कार्यों की स्पष्ट समय-सीमा तय करें,नीति और क्रियान्वयन के बीच समन्वय बनाए रखें ।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह यूपी पुलिस के इतिहास का एक विशिष्ट क्षण है, जब मुख्यमंत्री स्वयं दो दिनों तक सम्मेलन में उपस्थित रहकर मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब कोई मुख्यमंत्री वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की पूरी कॉन्फ्रेंस में हर सत्र में भाग ले रहा है। यह नेतृत्व की गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सम्मेलन का उद्देश्य: कक्षों से फील्ड तक बदलाव

डीजीपी ने कहा कि ‘पुलिस मंथन–2025’ केवल एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि भविष्य-केंद्रित, लक्ष्य-आधारित और परिणामोन्मुख पहल है।

  • सम्मेलन का उद्देश्य-
  • सिटिजन-सेंट्रिक पुलिसिंग
  • टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड सिस्टम
  • त्वरित और प्रभावी कार्रवाई
  • जवाबदेही और पारदर्शिता
  • फील्ड-लेवल पर ठोस परिणाम
  • पहले दिन हुए 7 महत्वपूर्ण सत्र

सम्मेलन के प्रथम दिवस कुल 7 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण दिया।

सत्र-1: बीट पुलिसिंग और ‘यक्ष ऐप’

नोडल अधिकारी: एस.के. भगत (एडीजी, अपराध) इस सत्र में बीट पुलिसिंग की चुनौतियों, समाधान और बेस्ट प्रैक्टिसेस पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर ‘यक्ष ऐप’ का लोकार्पण किया। यह AI और Big Data आधारित डिजिटल बीट बुक है, जिससे,अपराधियों का डाटा,संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान,लक्षित और तथ्यपरक कार्रवाई संभव होगी।

सत्र-2: महिला, बाल अपराध और मानव तस्करी

  • नोडल अधिकारी: पद्मजा चौहान (एडीजी, महिला एवं बाल सुरक्षा)
  • प्रस्तुतीकरण में-
  • मिशन शक्ति केंद्र FDRC (Family Dispute Resolution Clinic) सामुदायिक जागरूकता,पीड़ित बालिकाओं की देखभाल पर विस्तार से चर्चा हुई। एडीजी अशोक मुथा जैन ने बहू-बेटी सम्मेलन पर प्रस्तुति दी।

सत्र-3: थाना प्रबंधन और स्मार्ट SHO डैशबोर्ड

नोडल अधिकारी: सुजीत पांडेय (डीजी, लखनऊ जोन) ‘स्मार्ट SHO डैशबोर्ड’ के जरिए,शिकायत निस्तारण में तेजी,जवाबदेही में वृद्धि,यातायात और अपराध निगरानी में सुधार होगा।

सत्र-4: साइबर अपराध

  • नोडल अधिकारी: बिनोद कुमार सिंह (डीजी, साइबर क्राइम)
  • साइबर अपराधियों की कार्यप्रणाली
  • I4C के सहयोग से क्षमता निर्माण
  • साइबर थाने और हेल्पडेस्क पर चर्चा हुई।

सत्र-5: मानव संसाधन, प्रशिक्षण और कल्याण

  • नोडल अधिकारी: राजीव सभरवाल (डीजी, प्रशिक्षण)
  • पुलिस व्यवहार सुधार
  • PPS अधिकारियों की समस्याएं
  • वामासारथी योजनाएं
  • i-GOT पोर्टल से प्रशिक्षण पर जानकारी दी गई।

सत्र-6: अभियोजन और कारागार सुधार

  • नोडल अधिकारी: दीपेश जुनेजा (डीजी, अभियोजन)
  • ई-प्रॉसीक्यूशन, ई-रिपोर्टिंग, पेपरलेस सिस्टम और KPI आधारित मूल्यांकन पर चर्चा हुई।
  • डीजी कारागार प्रेम चंद मीना ने बताया कि AI आधारित CCTV,ई-मुलाकात,डिजिटल लाइब्रेरी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 50,000+ गवाहियां ।

सत्र-7: CCTNS 2.0, नई न्याय संहिता और फॉरेंसिक

  • नोडल अधिकारी: नवीन अरोड़ा (एडीजी, तकनीकी सेवाएं)
  • डेटा-आधारित, वैज्ञानिक और नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग, e-FIR, Zero FIR, e-Sakshya जैसी व्यवस्थाओं पर प्रस्तुति दी गई।