औरंगजेब ने शुरू किया था मेला :- बताया जाता है कि मुगल काल से ही donkey मेला लगता है। मुगल शासक औरंगजेब के सैन्य बल घोड़ों की भारी कमी हो गई, जिसको पूरा करने लिए donkey मेला लगाया गया। जिसमें अफगानिस्तान से बिकने के लिए अच्छी नस्ल के खच्चर लाए गए थे। जिन्हें मुगल सेना में शामिल किया गया था। तब से यह लोकप्रिय donkey मेला आज तक चल रहा है।
भारी कीमत में बिकते हैं गधे :- चित्रकूट में मंदाकिनी तट पांच दिवसीय दीवाली अमावस्या मेला लगता है। यहां मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तराखंड समेत नेपाल के लोग आते हैं। इस मेले में गधों की सारी नस्लें देखने को मिलेंगी। व्यापारी नस्ल, कद काठी के आधार पर गधे की कीमत लगते हैं। मेले में पांच हजार से लेकर पांच लाख रुपए कीमत में गधे बिकते हैं।
गधों के रोचक नाम :- donkey मेले में एक और चीज बहुत रोचक है। वह है गधों के नाम। खरीदारों को आकर्षित करने के लिए व्यापारी अपने गधों का नाम फिल्मी अभिनेत्री, अभिनेताओं और मशहूर नेताओं के नाम पर रखा जाता है। क्योंकि जब उसके नाम से नीलामी होती है तो खरीदार आकर्षित होता है और उसकी बड़ी कीमत अदा करता है। अब एक बानगी देखिए गधों का नाम अमिताभ, सलमान, शाहरुख रखे जाते हैं।
सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं :- donkey व्यापारी रामदुलारे और सुखलाल ने बताया कि करोड़ों रुपयों के लेनदेन के बावजूद इस मेले में सुरक्षा के कोई इंतजाम न होने से व्यापारी काफी चिंतित और परेशान हैं।