पीड़ित ने बयान बदलकर मचाया हड़कंप दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने खुलासा करते हुए बताया कि पूर्व मंत्री ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया बल्कि उसके सहयोगी रहे राठ (हमीरपुर) निवासी रामसिंह और उसके साथियों ने दुष्कर्म किया था। महिला ने बयान जारी कर बताया कि वह न तो गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) के आवास गई, न ही होटल और न ही विधायक आवास। महिला के मुताबिक हमीरपुर के राठ निवासी राम सिंह और उसके साथियों ने लखनऊ और दिल्ली के होटलों में उसके साथ दुष्कर्म किया फिर उसे ब्लैकमेल करना शुरू किया। यही नहीं राम सिंह उसकी बड़ी बेटी को भी भगा ले गया है। इस मामले की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है।
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फर्जी हस्ताक्षर कर मंत्री को फंसाने का आरोप महिला के मुताबिक उसके फर्जी हस्ताक्षर कर गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) सहित सात लोगों के ऊपर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया और लखनऊ के गौतमपल्ली थाने (Lucknow Gautampalli Thana) में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। महिला के अनुसार दी गई तहरीर में उसके हस्ताक्षर नहीं हैं। महिला के मुताबिक राम सिंह पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति से कुछ राजनीतिक रंजिश रखता है और खनन पट्टा हासिल करने को लेकर ये सब षडयंत्र किया गया है। महिला ने कहा कि मंत्री पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। उसने एफआईआर (FIR) नहीं करवाई। आरोपी राम सिंह अब मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
दुष्कर्म के आरोप में दर्ज हुआ था केस आपको बता दें कि इस मामले में प्रदेश में तत्कालीन सपा सरकार (Samajwadi Party Government) के कार्यकाल के दौरान साल 2017 में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज हुआ था। 17 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 18 फरवरी को लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में महिला की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) समेत आशीष शुक्ला, चंद्रपाल रूपेश्वर, पिंटू उर्फ अरमेंद्र, अशोक और विकास के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी और सभी जेल भी चले गए।