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एमएलसी पर लगाए थे आरोप दरअसल पूर्व विधायक अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) की बेटी सदर विधायक अदिति सिंह (Aditi Singh) ने 25 मई को लिखवाई एफआईआर में आरोप लगाया था कि 14 मई को वह लखनऊ से रायरेली की तरफ आ रही थीं। तभी रास्ते उन्हें जान से मारने की नियत से उनकी गाड़ी में मिनी ट्रक ने टक्कर मार दी, जिससे उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। मौैके पर मौजूद एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह (MLC Dinesh Pratap Singh) ने जान से मारने की नियत से हमला किया। उन्होंने पीछे से आ रही गाड़ियों में बैठकर भागकर अपनी जान बचाई।
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जांच में दिनेश प्रताप सिंह को क्लीन चिट
इस मामले की जांच रायबरेली जिले की हरचंदपुर थाने की पुलिस ने की। सदर विधायक अदिति सिंह ( Aditi Singh) पर हमला किया गया था या फिर वह हादसे का शिकार हुई थीं, इसकी जांच फोरेंसिक टीम कर रही थी। टीम ने घटनास्थल का जायजा लेकर साक्ष्य एकत्र किए। विधि विज्ञान प्रयोगशाला महानगर (लखनऊ) की जांच में पाया गया कि फॉर्च्युनर, स्कार्पियो और होंडा अमेज के आपस में टकराने के कारण यह घटना हुई थी। फोरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक विधायक पर हमला नहीं किया गया था, बल्कि हाईवे पर अदिति सिंह (Aditi Singh) के साथ हुई घटना एक हादसा थी। इस पर हरचंदपुर पुलिस इस मुकदमे को खारिज करते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। ऐसे में एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह (MLC Dinesh Pratap Singh), उनके भाइयों समेत अन्य को क्लीनचिट मिल गई है।
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक लड़ूंगी लड़ाई वहीं इस मामले में कांग्रेस की सदर विधायक अदिति सिंह (Aditi Singh) ने कहा कि हरचंदपुर थाने में लिखाए गए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगने की जानकारी मिली है। इस मामले में पुलिस अफसरों की मनमानी खुलकर सामने आई है। केस में फाइनल रिपोर्ट लगाए जाने से ही साफ है कि यहां पर कानून व्यवस्था की क्या हालत हो गई है। मैं एक पढ़ी लिखी विधायक हूं। इंसाफ पाने के लिए हथियार से नहीं, बल्कि कानूनी लड़ाई लड़ूंगी। मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक जाऊंगी।